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National Student Parliament 2022: वरिष्ठ नेताओं ने युवाओं को दिया ‘नेतागिरी’ का मंत्र

लखनऊ डेस्क

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पुणे (Pune) में आयोगित हुआ भारतीय छात्र संसद (National Student Parliament 2022) का 12वां संस्करण शनिवार को समाप्त हो गया। कार्यक्रम में देशभर के हजारों युवाओं ने राजनीतिक सहभागिता पर मंथन किया। इस कार्यक्रम में देशभर के वरिष्ठ नेताओं, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। यह कार्यक्रम भारतीय छात्र संसद फाउंडेशन और एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्मेंट के संयुक्त तत्वावधान में एमआईटी-वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के स्वामी विवेकानंद सभा मंडप में आयोजित हुआ। भारतीय छात्र संसद के इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं ने भी अपने विचार युवाओं के साथ साझा किए।

कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय विधि न्याय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल (Pro. SP Singh Baghel) ने कहा कि “ऐसे कार्यक्रमों से देश में युवा नेतृत्व की भावना मजबूत होगी और छात्रों में राजनीतिक सहभागिता बढ़ेगी जिससे देश की संसद को बेहतर नेतृत्व मिलेगा।” बघेल ने कहा कि “लोकभाषा, लोक संस्कृति, लोक व्यव्यार से ही लोकतंत्र मजबूर होगा। भारतीय भाषाएं व संस्कृति देश के विकास का आधार हैं”। उन्होंने कहा कि “राष्ट्र निर्माण में युवा क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते हैं। मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आज के युवा चिकित्सा, इंजीनियरिंग और सिविल सेवाओं को छोड़कर राजनीति में करियर बनाने पर विचार कर रहे हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी (MIT World Peace University) के कार्यकारी निदेशक एवं भारतीय छात्र संसद के संस्थापक राहुल कराड (Rahul Karad) ने बताया कि “सुशासन के लिए संसदीय प्रक्रियाओं से प्रशिक्षित युवाओं को स्थानीय निकाय से लेकर संसद मौजूदगी बढ़ानी होगी। भारतीय छात्र संसद के इस कार्यक्रम में युवाओं की उपस्थिति और सहयोग देखकर कहा जा सकता है कि आगामी समय में राजनीति में युवाओं की अच्छी भागेदारी रहेगी”।

कार्यक्रम के शुरूआती सत्र में उत्तर प्रदेश (UP) के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना (Satish Mahana) ने कहा कि “अभिव्यक्ति की आजादी के लिए एक रेखा होनी चाहिए लेकिन वर्चस्व दिखाने के लिए इस मर्यादा को लांघा जा रहा है” श्री महाना ने बताया कि समाज और युवाओं का दृश्टिकोण बदलने में छात्र संसद जैसी मुहिम कारगर साबित होगी”।

उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh Kumar Khanna) ने कार्यक्रम के दूसरे दिन कॉरपोरेटशाही और लोकतंत्र विषय पर बोलते हुए कहा कि “कॉर्पोरेट जगत का अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान रहता है। सरकार को कॉर्पोरेट जगत के लिए बेहतर योजनाएं बनानी चाहिए लिए काफी अच्छी योजनाएं बनानी चाहिए लेकिन जब कॉर्पोरेट जगत की वजह से सरकारी फैसले बदलने लगते है तो यह लोकतंत्र के लिए बहुत नकारात्मक चीज होती है। लोकतंत्र जनता के लिए होना चाहिए”

कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने कहा कि “देश की विडंबना है कि युवा राजनीति में आने से कतराते हैं। हमें भारतीय संविधान को प्रस्तावना को जीना चाहिए। युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि “युवाओं को राजनीति से दूर नहीं भागना चाहिए। अच्छे लोगों ने राजनीति करना छोड़ दिया इसलिए बुरे लोगों ने राजनीति पर कब्जा कर लिया। बदलाव लाने के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए। और राजनीति को स्वच्छ बनाना चाहिए”। श्री संजय सिंह ने कहा कि “विविधता ही भारत की एकता है। नफरत की राजनीति से देश आगे नहीं बढ़ सकता”।

कार्यक्रम में यूपी के मछलीशहर से विधायक रागिनी सोनकर (Ragini Sonkar) और बीकापुर से विधायक अमित सिंह चौहान (Amit Singh Chauhan) को आदर्श युवा विधायक वार्ड प्रदान किया गया। इस मौके पर विधायक सोनकर ने बताया कि दशकों से राजनीति बदल रही है और इसमें युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है लेकिन अब समतामूलक समाज के निर्माण में युवाओं की ऐसी भूमिका होनी चाहिए जिससे हमारे देश की आवाज विश्व के कोने-कोने पर जाए और इस बदलाव की शुरूआत हमें खुद से करनी होगी। कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि युवाओं के योगदान से हमें ऐसा देश बनाना है जिसमें गरीब भूखा न सोए, गरीब-अमीर की खाई मिट सके, महिलाएं सुरक्षित रहें और इसके लिए युवाओं को संषर्षक करना होगा। बीकापुर से विधायक अमित सिंह चौहान ने कहा कि “युवाओं को देश को आगे बढ़ाना चाहिए। इसके लिए युवाओं को बहुत कुछ खोना पढ़ेगा कुछ पना पढ़ेगा, लेकिन युवाओं को देश को आगे बढ़ाने के लिए आना चाहिए”।

भारतीय छात्र संसद के 12वें संस्करण का आयोजन महाराष्ट्र के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्रालय के साथ खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय तथा मानवाधिकार के लिए यूनेस्को चेयर के सहयोग से हुआ। तीन दिवसीय भारतीय छात्र संसद के दौरान विभिन्न सत्रों में देश के अलग-अलग शैक्षिण संस्थानों से आए हजारों छात्र-छात्राएं समाज व राजनीति से जुड़े विभिन्न सार्वजनिक मुद्दों पर व्यापक चिंतन एवं विमर्श किया। इस दौरान राजनीति, समाजसेवा, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, संस्कृति समेत अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञ अपने अनुभव युवाओं के साथ साझा किए। कार्यक्रम को कई सामाजिक तथा शैक्षिणक संस्थाओं द्वारा प्रोत्साहित किया गया।

भारतीय छात्र संसद के बारे में

भारतीय छात्र संसद एक गैर राजनीतिक संगठन है। देश में युवा नेतृत्व विकसित करने के उद्देश्य से 2011 में इसकी शुरुआत की गई थी। यह एक ऐसा मंच है जो राजनीतिक क्षेत्र के लिए प्रतिभाशाली एवं दक्ष युवा नेतृत्व विकसित करता है। भारतीय छात्र संसद के जरिए देश के अलग-अलग हिस्सों से युवाओं को एक मंच प्रदान किया जाता है जहां पर वह संसदीय लोकतंत्र, विधायी प्रक्रियाओं, सार्वजनिक नीतियों आदि पर ना सिर्फ विचार-विमर्श करते हैं बल्कि राष्ट्र निर्माण हेतु अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अपेक्षित प्रशिक्षण भी प्राप्त करते हैं। एमआईटी-वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. विश्वनाथ कराड छात्र संसद के संरक्षक हैं।

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