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निस्वार्थ सेवा का इनाम : महिला ने करोड़ों की संपत्ति की रिक्शा चालाक के नाम, जानें क्या है पूरा ममला

कटक : आज हम जो आपको बताने जा रहे है ऐसा मामला आपने शायद ही कही सुना होगा। ओडिशा (Odisha) में एक बुजुर्ग महिला की दरियादिली से एक रिक्शा चालक की किश्मत चमक गई। इस बुजुर्ग महिला की दरियादिली देखकर रिक्शा चालक भी हैरान रह गया। हुआ ही कुछ ऐसा जो रिक्शा चालक ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था।

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ओडिशा की रहने वाली इस बुजुर्ग महिला और रिक्शा चालक की चर्चाएं काफी तेजी से हो रही है। बताया जा रहा है ,कि रिक्शा चालक ने बुजुर्ग महिला और उसके परिवार की बहुत सेवा की है वो भी बिना किसी उम्मीद के जिससे खुश होकर बुजुर्ग महिला ने अपनी सारी संपत्ति(Property) उसको दान में दे दी। रिक्शा चालक 25 सालों से बुजुर्ग महिला और उसके परिवार की सेवा करता आ रहा है। रिक्शा चालक के 25 साल की सेवा और सम्मान से महिला बेहद खुश है।

ओडिशा में कटक( Cuttack) के सुताहाट( Sutahat ) की रहने वाली 63 वर्षीय मिनाती पटनायक(Minati Patnaik) ने अपना तीन मंजिले का मकान, सोने के गहने और अपनी सारी संपत्ति रिक्शा चालक बुद्ध सामल(Buddha Samal) को दान कर दी है। वह दो दशकों से उनके परिवार की सेवा कर रहा है। मिनाती के परिवार में उनके पति थे ,और उनकी एक बेटी थी। लेकिन पिछले साल पति का गुर्दा फेल होने के कारण मिनाती ने अपने पति को खो दिया। रिक्शा चालक और उसके परिवार ने 25 साल तक मिनाती और उसके पति की सेवा की थी। उनकी बेटी की हाल में ही हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई थी।

मिनाती पटनायक का कहना कि वह अपने पति और बेटी की मृत्यु के बाद टूटकर बिखर गई, और दुख भरी जिंदगी जी रही थी। लेकिन उनके दुखद समय में भी उनके किसी रिश्तेदार ने साथ नहीं दिया। वह पूरी तरह से अकेली थी। हालांकि यह रिक्शा चालक और इसका परिवार मेरे मुश्किल समय में मेरे साथ खड़ा रहा बदले में बिना किसी उम्मीद के मेरे स्वास्थ्य का ख्याल रखा।

रिक्शा चालक ही मिनाती की बेटी को रोज रेनशॉ कॉलेज ले जाते थे। और उनकी बेटी का पूरी तरह से ख्याल रखते थे। मिनाती को भी रिक्शा चालक पर पूरा भरोसा था। वह परिवार का भले ही रिक्शा चालक था, पर अपने परिवार के प्रति उसका समर्पण देखकर उसे इनाम दिया है। मिनाती के रिश्तेदारों के पास पर्याप्त संपत्ति है। वह हमेशा से ही अपनी संपत्ति एक गरीब परिवार को देना चाहती थी। मिनाती ने बुद्ध सामल और उनके परिवार को कानूनी रूप से सब कुछ दान करने का फैसला किया है, ताकि उनकी मृत्यु के बाद उन्हें कोई परेशान ना करे।

मिनाती ने यह भी कहा, कि अपनी संपत्ति देकर मै बुद्ध सामल या उनके परिवार पर कोई एहसान नहीं कर रही हूं, बल्कि वह इसके काबिल है। मिनाती के इस फैसले से उनकी दो बहनों ने आपत्ति जताई है। लेकिन मिनाती अपने फैसले से पीछे नहीं हटी वह अपने फैसले पर अटल है। उन्होंने उन सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जिससे उनकी मृत्यु के बाद उनकी सारी संपत्ति रिक्शा चालक को मिल जाए और इस प्रक्रिया में कोई कठिनाई ना आए।

रिक्शा चालक बुद्ध सामल के परिवार में माता-पिता ,पत्नी और तीन बच्चे, दो बेटे और एक बेटी है। बुद्ध सामल ने कहा, “जब मां (मिनाती) ने मुझे अपनी संपत्ति देने के बारे में बताया तो मैं हैरान रह गया। मां के इस फैसले से मेरे परिवार पर बहुत प्रभाव पड़ेगा। मां के इस फैसले से मै बहुत खुश हूं। अब मै अपने परिवार के साथ एक छत के नीचे रह सकता हूं। रिक्शा चालक बुद्ध सामल अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मिनाती के कहने पर उनके साथ रहने लगा, मिनाती के अनुरोध पर बुद्ध सामल ने दो साल पहले रिक्शा चलाना छोड़ दिया।

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