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शिवसेना के धनुष-तीर की कमान शिंदे के नाम, ठाकरे परिवार को हाथ लगी निराशा !

महाराष्ट्र में शिवसेना (Shiv Sena in Maharashtra) के नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के गुट को शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह ‘धनुष और तीर’ के इस्तेमाल की आधिकारिक मंजूरी दे दी है। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट की पार्टी के वर्तमान नाम ‘बालासाहेबंची शिवसेना’ और ‘दो तलवारों और ढालों’ के प्रतीक को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।

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‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ होगा ठाकरे गुट का नया नाम

चुनाव आयोग के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना गुट अब शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नाम से जानी जाएगी। इसके अलावा पार्टी के प्रतीक के रुप में मशाल (ज्वलंत मशाल) को मंजूरी मिली है। आपको बता दें कि, साल 2022 के अक्टूबर महीने में चुनाव आयोग ने ठाकरे और शिंदे गुट को अलग-अलग पार्टी के नाम और सिंबल दिए थे। चुनाव आयोग ने इसके साथ यह भी साफ कर दिया था कि नवंबर 2022 में अंधेरी पूर्व उपचुनाव में शिवसेना के नाम और ‘धनुष और तीर’ के प्रतीक को कोई भी गुट उपयोग में नहीं लाएगा।

पहले भी विभाजित हुई हैं कई पार्टियां

किसी राजनीतिक दल के विभाजन का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई पार्टियां विभाजित हुई हैं। इससे पहले 1969 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी कांग्रेस (ओ) और कांग्रेस (आई) में विभाजित हुई थी। कांग्रेस 1978 में एक बार फिर टूटी जब कांग्रेस (इंदिरा) और कांग्रेस (उर्स) बनाई गई। 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी भी विभाजित हो गई। शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर समाजवादी सेक्युलर मोर्चा पार्टी की शुरुआत की।

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