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Kushinagar : शादी की खुशियां मातम में बदली, 13 लोगों की दर्दनाक मौत, जानिए पूरा मामला

लखनऊ/कुशीनगर

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प्रदेश के कुशीनगर (Kushinagar) जिले में एक शादी समारोह में बुधवार रात को दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। हादसे के बाद शादी समारोह की खुशियाँ मातम में बदल गई, चारों तरफ चीख पुकार मच गई। खबर लिखे जाने तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मृतकों में एक डेढ़ साल का बच्चा, 10 बच्चियां और दो महिलाएं हैं। घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है।


जानकारी के अनुसार नेबुआ नौरंगिया (Nebua Naurangiya) थाना इलाके के नौरंगिया गांव (Naurangiya Village) में स्कूल टोला निवासी परमेश्वर कुशवाहा (Parameshwar Kushwaha) के बेटे अमित कुशवाहा (Amit Kushwaha) के विवाह से पहले बुधवार देर रात हल्दी की रस्म अदा की जा रही थी। वैवाहिक कार्यक्रम में शादी की हल्दी की रस्म के दौरान कुएं का स्लैब टूटने से यह दर्दनाक हादसा हुआ। जिस कुएं के पास कार्यक्रम चल रहा था, उसे आरसीसी स्लैब बनाकर बंद किया गया था। रस्म के दौरान बड़ी संख्या में महिला, युवती व बच्चियां कुएं पर बने स्लैब पर जाकर खड़े हो गए। जब घटना हुई तब वहां ज्यादातर महिलाएं थीं। गांव के पुरुष जब तक दौड़कर पहुंचे। तब तक काफी देर हो चुकी थी। कई महिलाएं डूब चुकी थीं। कुआं काफी गहरा था और उसमें 10 फीट में पानी भरा था। यही कारण है कि मृतकों की संख्या 13 तक पहुंच गई। अचानक कुएं का स्लैब टूट गया और 25 से अधिक महिलाएं, युवतियां व बच्चे भरभराकर कुएं में गिर गए। घटना की सूचना पुलिस को दी गई और घटना के करीब एक घंटे बाद पहुंचे प्रशासन ने लोगों की मदद से देर रात तक रेस्क्यू किया। बहुत से लोग घायल हैं , जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू में आई काफी दिक्कतें

मृतकों की सूची

रात का समय और अंधेरा काफी ज्यादा होने के कारण रेस्क्यू करने में भी काफी कठिनाई हुई और समय से रेस्क्यू नहीं हो पाया। स्थानिय लोगों ने मोबाइल और गाड़ियों की हेडलाइट से अपने स्तर पर रेस्क्यू करने का प्रयास किया। इसके बाद पुलिस और प्रशासन पहुंचा, फिर गोताखोरों को बुलाया गया। पुलिस ने बताया कि सभी घायलों को कुएं से निकालकर अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने 13 लोगों को मृत घोषित कर दिया। हादसे में मृत बच्चियों की उम्र 5 से 15 साल के बीच है।

महिलाएं बोलीं- कुछ समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ?

हल्दी की रश्म में कुएं के पास गई महिलाओं ने बताया कि क्या हुआ और कैसे हो गया किसी को कुछ समझ ही नहीं आया। पूजा के दौरान अचानक तेज आवाज आई और बच्चियां और महिलाएं गिरने लगी। बच्चियों ने एक-दूसरे को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन अंधेरा होने के कारण किसी को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। हादसे के बाद 15-20 मिनट तक तो सिर्फ चीखें थीं। सब डर गए थे। जब ग्रामीण आए तो फिर रेस्क्यू शुरू हुआ। अंधेरा न होता तो शायद इतनी मौतें नहीं होती।

एंबुलेंस देर से पहुंचने की वजह से ग्रामीण नाराज

हादसे के तुरंत बाद एम्बुलेंस को सूचना दी गई। सूचना देने के करीब एक घंटे के बाद एम्बुलेंस घटनास्थल पर पहुंची। इससे ग्रामीणों में नाराजगी है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले तो एम्बुलेंस देर से आई। फिर जब अस्पताल गए तो वहां डॉक्टर ही मौजूद नहीं थे। काफी देर बाद डॉक्टर आए। ऐसे में ट्रीटमेंट न मिलने के कारण भी कई लोगों की मौत हो गई। वहीं इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि जिन डॉक्टरों ने लापरवाही की है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मृतक आश्रितों और घायलों को आर्थिक सहायता

 कुशीनगर हादसे के मृतकों के परिवार के लोगों को दो-दो लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार की सहायता पीएम रिलीफ फंड से दी जाएगी। जिला प्रशासन से मृतकों के परिवार के लोगों को दो-दो लाख रुपया तथा घायलों को 50-50 हजार की सहायता मिलेगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर अपनी संवेदना व्यक्त की है।

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