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क्या है ईवीएम की विवादित यात्रा, जानिए इसकी बेहद दिलचस्प कहानी

लखनऊ। लोकतांत्रिक देश में जनता अपने प्रतिनिधि को चुनती है। लोकतंत्र की यह खूबसूरती है जनता अपने मन मुताबिक अपना नेता चुन सकती है। शुरुआती दौर में मतपत्रों के द्वारा चुनावी प्रक्रिया सम्पन्न होती थी। लेकिन उस समय की बात करें तो मतदान के दिन अक्सर मतपेटी लूटने या उसमें पानी भर कर मतदान प्रक्रिया को बाधित करने की घटना आम थी। समय के साथ यह प्रक्रिया बदली और मतपत्र का स्थान ईवीएम ने ले लिया। लेकिन अब ईवीएम पर भी विपक्षी दलों द्वारा समय-समय पर आरोप लगाते हैं।

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ईवीएम का प्रयोग सिर्फ भारत देश मे ही नही होता है विश्व के लगभग 33 देशों में किसी न किसी तरह से इलेक्‍ट्रानिक वोटिंग के द्वारा चुनावी प्रक्रिया सम्पन्न की जाती है। अमरीका में वोटिंग मशीनों को लगभग 19 वर्ष पूर्व प्रयोग में लाया गया था।

जनता ने कहां देखा पहली बार?

तमिलनाडु के छह शहरों में आयोजित होने वाली सरकारी प्रदर्शनी में जनता ने ईवीएम को पहली बार देखा था। फिर चुनाव आयोग ने इसे इस्तेमाल करने का विचार किया। जिसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की सहायता से इसे बानने की प्रक्रिया शुरू हुई।

कहां हुआ पहली बार प्रयोग?

देश में ईवीएम का पहली बार इस्तेमाल साल 1982 के मई महीने में हुआ था। तब केरल के परावुर विधानसभा के 50 मतदान केंद्रों पर इसका इस्तेमाल किया गया था। हालांकि तब भी एक उम्मीदवार ने चुनावों में अपनी हार का कारण ईवीएम को बताया था। वो उम्मीदवार ए.सी.जोस थे। उन्होंने ईवीएम से चुनाव और परिणाम को कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद कोर्ट ने भी दोबारा चुनाव का आदेश दिया, हालांकि कोर्ट ने मशीन में गड़बड़ी की आशंका नहीं जताई थी।

कुछ समय तक नहीं हुआ इस्तेमाल

हालांकि 1983 के बाद कुछ सालों तक ईवीएम का इस्तेमाल नहीं हुआ था। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने कानूनी प्रावधान का आदेश दिया था। 1988 के दिसंबर माह में संसद में कानून में संशोधन हुआ और रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट, 1951 में सेक्शन 61ए को जोड़ा गया। जिसके तहत चुनाव आयोग को वोटिंग मशीन इस्तेमाल करने की ताकत मिली।जिन ईवीएम का निर्माण 1989-90 के दौरान हुआ था, उनका इस्तेमाल नवंबर 1998 के विधानसभा चुनावों में हुआ। इसे प्रयोग के तौर पर मध्यप्रदेश के पांच, राजस्थान के छह और दिल्ली के छह विधानसभा क्षेत्रों में इस्तेमाल किया गया था। लेकिन साल 2004 के बाद से सारे चुनाव ईवीएम से होने लगे।

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