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नवरात्र के दौरान मरीजों को दी सलाह, व्रत में बंद ना करें दवा – डॉ आशुतोष कुमार दूबे

गोरखपुर : जनपदवासियों को नवरात्र और नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने अपील करते हुए, स्वास्थ्य को लेकर सावधान रहने की बात कही। उन्होंने कहा कि नवरात्र के दौरान शुगर, बीपी व अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों को विशेष तौर पर सावधान रहने की सख्त जरूरत है।

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सीएमओ ने कहा कि नवरात्र प्रारम्भ हो चुका है। नवरात्र शुरू होने पर लोग पूजा-पाठ के साथ-साथ नौ दिन का व्रत भी रखते हैं । कहा जाता है कि नवरात्र में व्रत रखने से मन को शांति मिलती है और उत्थान का मार्ग प्रशस्त होता है, लेकिन इसके साथ हमें सतर्क रहने की भी आवश्यकता है। खासतौर पर वो लोग जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। अगर किसी को कोई बीमारी नहीं है तो वह इंसान व्रत रख सकता है लेकिन इस का ध्यान रहे कि समय-समय पर पानी पीते रहें क्योंकि तापमान बढ़ने लगा है और शरीर में पानी की कमी से दिक्कत पैदा हो सकती है। सामान्य लोगों को भी व्रत के दौरान अधिक तैलीय चीजों से परहेज और अल्पाहार ही लेना चाहिए। गर्मी के मौसम में तेल, घी, कुटू का आटा, साबूदाना के अधिक सेवन से गरिष्ठता हो जाती है इससे पेट संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। व्रत में पर्याप्त पानी पिएं और ताजे फलों का सेवन करें।

डॉ दूबे ने शुगर के रोगियों को सलाह देते हुए कहा कि अगर शुगर नियंत्रित है और एचबीऐवनसी की रिपोर्ट सात से नीचे है तो आप व्रत रख सकते है। इसी के साथ ताजे फल और पानी का नियमित सेवन करते रहें। व्रत के दौरान दिन में कम से कम दो बार ब्लड शुगर अवश्य चेक करें। तेल – घी की चीजों का सेवन करने से बचें। सेंधा नमक ज्यादा मात्रा में ना लें। उच्च रक्तचाप के मरीज भी तभी व्रत रखें जब उनका रक्तचाप नियंत्रित हो। नमक और गरिष्ठ भोजन का सेवन नहीं करना है। दस से पंद्रह एमएल से अधिक वसा का सेवन नहीं करना है।

व्रत के दौरान दवा बंद न करें
सीएमओ ने बताया कि मरीजों को व्रत के दौरान दवा नहीं छोड़नी चाहिए। डॉक्टरों द्वारा बताई गई दवाओं का उतनी ही नियमित तरीके से सेवन करते रहें जितनी पवित्रता से आप आराधना व पूजा पाठ करते हैं। जब आप स्वस्थ रहेंगे तो परिवार, समाज और देश भी सुरक्षित रहेगा। धूमधाम से नवरात्र और नये वर्ष को मनाएं, लेकिन अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए। डॉक्टर की सलाह पर ही व्रत रखें। शुगर और बीपी के मरीज दिन में दो बार शुगर व बीपी का स्तर चेक करें।

ऐसे मरीजों को नहीं रखना है व्रत
गंभीर कैंसर के रोगी, इंटेस्टाइनल कैंसर के रोगी, इरेटेबिल पावर सिंड्रोम के रोगी और ह्रदय रोगियों को व्रत नहीं रहना है। देवी की आराधना, बिना व्रत रहे भी सदाचरण का पालन करते हुए और अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए की जा सकती है। नये वर्ष में हम सभी स्वस्थ रहेंगे, इसकी कामना करें और सावधान रहें।

रिपोर्ट – गुडलिश सिंह

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