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निर्दयी मालिक से वफादारी निभाता रहा जेनी, आठ महीने से भूखा-प्‍यासा करता रहा रखवाली

वफादारी : मालिक से वफादारी कैसे निभाते है ये जेनी (Jenny) ने दिखा दिया। लेकिन मालिक इतने हद तक निर्दयी हो सकते है ये आज समझ आया। आखिर क्या बिगाड़ा था इसने अपने मालिक का वह तो बस अपने मालिक से वफादारी ही निभा रहा था फिर भी इस मासूम के साथ इतना बड़ा अन्याय किया गया। जेनी की कहानी सुनकर सभी की आंखें भर जाती हैं। अगर आप भी जेनी की कहानी सुनेंगे या पढ़ेंगे तो आपकी भी आंखे नम हो जाएंगी।

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यह घटना बांसडीहरोड क्षेत्र (Bansdiharod area) के रघुनाथपुर (Raghunathpur) (बेला) की है। जहां पिछले आठ महीने से भूखा-प्‍यासा जेनी अपने मालिक के घर की रखवाली करता रहा। जब पड़ोसियों से उसका दर्द नहीं देखा गया तो उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस ने घर के अहाते का ताला तोड़कर कुत्ते को बाहर निकाला।

8 महीने से भूखा-प्यासा जेनी करता रहा घर की रखवाली

अगर कभी कुछ मिला तो खा लिया नहीं तो भूखा प्यासा रहकर भी एक जर्मन शेफर्ड नस्ल (german shepherd breed) का कुत्ता जेनी (dog jenny) अपने मालिक के घर की रखवाली करीब आठ महीने से करता रहा। लेकिन अब उसका संयम (Control) जवाब देने लगा तो वह अक्सर रात को रोने लगता था। यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। जिसके बाद पड़ोसियों को उस पर दया आ गई, और उन्होंने पुलिस (Police) को खबर कर दी। फिर घर के अहाते का ताला (Lock) तोड़कर पुलिस ने कुत्ते को बाहर निकाला और अपने साथ ले गई।

जानकारी के अनुसार, बांसडीहरोड क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव के रहने वाले अभिषेक पाल (Abhishek Pal) के परिवार ने जर्मन शेफर्ड जेनी (german shepherd jenny) को पाल रखा है। लेकिन करीब आठ महीने पहले परिवार के लोग घर को कुत्ते के भरोसे छोड़कर घर के अहाते के गेट पर ताला लगा कर चले गए। गेट बंद होने के नाते जेनी कही बहार भी नहीं जा सकता था। कुत्ते की आवाज सुनकर जब आसपास के लोगों को जानकारी हुई तो वह लोग दिन में कभी कभार रोटी (Bread) के टुकड़े फेंक दिया करते थे। पड़ोसियों के फेंके हुए कुछ ही टुकड़ों को खाकर जेनी सबर कर लेता और अपने मालिक के घर की रखवाली करता रहता।

एसओ वीरेंद्र मिश्र (SO Virendra Mishra) ने बताया कि ग्रामीणों के सामने मुख्य गेट के बंद ताले को तोड़कर कुत्ते को बाहर निकाला गया है। बाद में अहाते के गेट पर लोगों की मौजूदगी में ही दूसरा ताला लगवा दिया गया है।

घर में किसी को न देख रात में रोने लगता था जेनी
ग्रामीणों ने बताया कि अहाते के अंदर बंद कुत्ता रात होने पर रोने लगता था। इस सम्बंध में थानाध्यक्ष (SHO) का कहना है कि मकान के अहाते में बंद कुत्ते की हालत भूख-प्यास से खराब हो चुकी थी। मानवता के आधार पर उसे ग्रामीणों की मौजूदगी में बाहर निकाला गया है। फिलहाल उसे थाने (police station) पर रखकर भोजन-पानी (food and water) का इंतजाम किया गया है।

रिपोर्ट – गुडलिश सिंह

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