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अयोध्या : धूमधाम से शुरू हुई ऐतिहासिक 84 कोसी परिक्रमा

अयोध्या। ऐतिहासिक 84 कोसी परिक्रमा शनिवार से बड़े धूमधाम के साथ शुरू हो गई है. रामनगरी के कारसेवक पुरम से शुरू हुई 84 कोसी परिक्रमा चार जिलों से होकर 8 मई को अयोध्या में भंडारे के साथ समाप्त होगी। परिक्रमा के संयोजक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि अब तक 500 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण करवा लिया है। उन्होंने बताया की प्रतिदिन यह संख्या बढ़ती रहेगी। परिक्रमा के दौरान 44 स्थानों पर पड़ाव बनाए गए हैं, जहां दोपहर व रात्रि विश्राम करके परिक्रमा 22 दिनों में पूरी होगी। उन्होंने कहा कि 2014 से हम लोगों ने इसका संयोजन शुरू किया, तब से सरकार से परिक्रमा मार्ग को सुविधाजनक बनाने की मांग करते रहे हैं। अब केंद्र और प्रदेश सरकार ने 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के विकास की वृहद योजना को स्वीकृति दे दी है।

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अयोध्या में वर्षभर में होती हैं तीन परिक्रमा

बतादें कि धार्मिक मान्यता के अनुसार रामनगरी में वर्ष भर में तीन बड़ी परिक्रमा होती है। पहली कार्तिक शुक्ल एकादशी को 14 कोसी कार्तिक शुक्ल नवमी को पंचकोसी परिक्रमा और चैत्र मास में 84 कोसी परिक्रमा का विधान है। 14 कोसी और पांच कोसी परिक्रमा में पुरे अयोध्या में भारी भीड़ रहती है.प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के श्रद्धालु भी आते है. पांच कोसी और चौदह कोसी की परिक्रमा अयोध्या परी क्षेत्र में की जाती है. वहीं 23 दिनों तक चलने वाली 84 कोसी परिक्रमा 5 जिलों के 127 गांवों से होकर गुजरती है। लोगो का मानना है रामनगरी 84 कोस के परिधि में है। इसके बीच मे कई पौराणिक मंदिर है जिन्हें लोग जानते नही है। उन मंदिरों की परिक्रमा होती है।

सरकार की योजनाओं पर काम शुरू

नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने इस मौके पर कहा कि 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के विकास के लिए सरकार की योजनाओं पर काम शुरू हो रहा है। दो साल में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस पर पड़ने वाले धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस बीच शनिवार को कारसेवक पुरम से शाम सैकड़ों संत-धर्माचार्यों के मार्गदर्शन में परिक्रमा निकली। परंपरागत 84 कोसी परिक्रमा के संयोजक सुरेंद्र सिंह के मुताबिक, हनुमान मंडल के बैनर तले बड़ी संख्या में लोग चौरासी कोसी परिक्रमा के लिए चल पड़े हैं। वीएचपी के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के मुताबिक, 84 कोसी परिक्रमा मखभूमि मखौड़ा बस्ती से रविवार को शुरू होगी। यह वही स्थल है, जहां राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ किया था। उन्होंने बताया कि धार्मिक महत्ता के इस स्थान से हर साल की तरह इस साल भी चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को कारसेवक पुरम से संत-महंत और वीएचपी से जुड़े कार्यकर्ता व आम जन 84 कोसी परिक्रमा के लिए मखभूमि के लिए प्रस्थान किया।

इन जिलों से गुजरेगी परिक्रमा

परिक्रमा रविवार को मखभूमि से शुरू होकर बस्ती, गोंडा, बाराबंकी और अयोध्या जिलों से होकर जाएगी और रास्ते में करीब 22 पड़ावों पर विश्राम कर आगे बढ़ेगी। इस बीच जगह-जगह दोपहर भोज और रात्रि भोज व भजन-कीर्तन, रामायण पाठ आदि के आयोजन भी किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि परिक्रमा में इस साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेंगे। परिक्रमा के संचालन के लिए समिति गठित है। 23दिनों की इस धार्मिक यात्रा का समापन अयोध्या में 8 मई को सरयू स्नान व भंडारे के साथ होगा।

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