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शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बड़ा बयान, कहा- नौजवानों को जॉब सीकर नहीं जॉब क्रिएटर बनना होगा

लखनऊः वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में चल रहे तीन दिवसीय अखिल भारतीय शिक्षा समागम के आखिरी दिन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शामिल हुए। जहां उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में देश के प्रमुख 40 विश्वविद्यालय, डीम्ड यूनिवर्सिटी, प्राइवेट यूनिवर्सिटी ऐसे 5-6 प्रकार की यूनिवर्सिटी समेत हायर एजुकेशन के 380 इंस्टीट्यूशन को आमंत्रित किया गया, जिसमें 350 जगह से लोग शामिल हुए।

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कार्यक्रम का सबसे लिया जाएगा फीडबैक- शिक्षा मंत्री  

आपको बता दें कि शिक्षा मंत्री ने कहा कि तीन दिवसीय कार्यक्रम में मल्टीडिसीप्लिनरी, भारतीय भाषा, रिसर्च इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप, स्किल डेवलपमेंट समेत कई विषयों पर चर्चा हुई। वहीं इस कार्यक्रम का फीडबैक सबसे लिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि भारत के मूल विचार के इतर मैकाले के कॉलोनियल राज का विस्तार करना जैसे उद्देश्यों से शिक्षा बनाई गई थी। जिस तरह के संशोधन की आवश्यकता होने चाहिए थी। नई शिक्षा नीति नई संस्कृति लाने के लिए अप्रोच में लाई गई। यह पहला टेकअवे है।

काशी गुरु-शिष्य परंपरा की अनन्य जगह- शिक्षा मंत्री 

बता दें कि काशी गुरु-शिष्य परंपरा की अनन्य जगह है। वहीं भारत की शिक्षा व्यवस्था छात्र आधारित होगी। यह शिक्षकों के द्वारा होगी अगला टेकअवे है। भारत के नौजवानों को अकेले शिक्षा नीति के जरिए नौकरी दिलाने वाली शिक्षा नीति बनाई गई थी, लेकिन अभी हम को 21वीं सदी में 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनानी है, और विश्व को नेतृत्व देना है तो नौजवानों को जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब क्रिएटर बनना होगा।

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