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मंकीपॉक्स वायरस का स्ट्रेन किया गया आइसोलेट, वैक्सीन बनाने में मिलेगी मदद

नई दिल्लीः मंकीपॉक्स वायरस के पूरी दुनिया में खड़े हो रहे संकट के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक इस वायरस के स्ट्रेन को आइसोलेट करने में भारत ने सफलता प्राप्त कर ली है।

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मंकीपॉक्स वायरस का स्ट्रेन आइसोलेट

जानकारी के मुताबिक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे ने मंकीपॉक्स वायरस के स्ट्रेन को आइसोलेट कर लिया है। बता दें कि यह इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ही एक संस्था है। वहीं अब इस वायरस को वैक्सीन और डायगनोस्टिक किट बनाने के लिए प्रयोग किया जाएगा।

प्रोटोकॉल के बौद्धिक संपदा अधिकार विधि से किया गया सुरक्षित

बता दें कि ICMR ने वायरस को आइसोलेट और शुद्धिकरण करने की विधि और प्रोटोकॉल के बौद्धिक संपदा अधिकार और कमर्शियल राइट्स को सुरक्षित कर लिया है।

कुछ देशों में वैक्सीनेशन करने की योजना

वहीं मंकीपॉक्स की रोकथाम और नियंत्रण के लिए वैक्सीनेशन की उपयोगिता का आकलन करने के लिए वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक कुछ देशों में ऐसे लोगों का वैक्सीनेशन करने की योजना है, जो जोखिम के बीच काम कर रहे हैं। बता दें कि इनमें प्रयोगशाला कर्मी, त्वरित प्रतिक्रिया दल और स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल हैं।

78 देशों तक फैल गया है मंकीपॉक्स

वहीं अगर दुनिया की बात करें तो मंकीपॉक्स वायरस 78 देशों तक फैल गया है। वहीं इन देशों में मंकीपॉक्स के 18 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। इसमें से 70 फीसदी केस यूपोरियन क्षेत्रों से सामने आए हैं। वहीं 25 फीसदी केस अमेरिकी रीजन वाले हैं। बता दें कि दुनिया में मंकीपॉक्स की वजह से अब तक पांच मौतें हुई हैं। इसके अतिरिक्त कुल केसों में से 10 फीसदी को हॉस्पिटल में भर्ती होने की आवस्यकता पड़ी है।

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