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सिद्धार्थनगरः बच्चों को मीनू के अनुसार नहीं मिल रहा मिड-डे-मील, जूठे बर्तन धुल रहे नौनिहाल बच्चे

सिद्धार्थनगरः देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नौनिहालों से प्यार करने का फोटो मीडिया में सुर्खियों में बना रहता है। वहीं प्रदेश की योगी सरकार बच्चों के शिक्षा को लेकर अनेकों सुविधाएं दे रही है, और सरकार का नारा है। सब-पढ़े सब-बढ़े, स्वच्छ भारत- स्वस्थ भारत। ताजा मामला सिद्धार्थनगर जिले से सामने आया है। जहां केंद्र और राज्य सरकार के आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। आपको बता दें जिले के डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के ग्राम तरैना के प्राथमिक विद्यालय में नौनिहाल बच्चे जूठे बर्तन धुलते दिखाई दे रहे हैं।

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वहीं यहां पर बदहाली का यह आलम है कि स्कूल का भवन फर्स एकदम जर्जर है। नौनिहाल बच्चे उसी में बैठ कर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। सरकार से दी जा रही सुविधाएं बच्चों तक नहीं पहुंचती हैं। बता दें कि बच्चों को मीनू के अनुसार मिड-डे-मील नहीं दिया जा रहा है।

वहीं स्कूल में बना शौचालय सौच से भरा पड़ा है। दरवाजे टूटे हुए हैं यहां की आंगनबाड़ी शिक्षिका से बात किया गया तो उसका कहना है कि शौचालय के दरवाजे टूटे हुए हैं। वहीं शौचालय में इतनी गंदगी है। मैं एक महिला शिक्षिका हूं और सौच के लिए मुझे 4 से 5 घंटे स्कूल में रहने के नाते इंतजार करना पड़ता है, और बच्चों को खुले में शौच जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

बता दें कि बारिश का समय है। जहरीले जीवों का डर रहता है कि कहीं बच्चों को काट न ले इस जर्जर विद्यालय के बदहाल व्यवस्था में नौनिहाल पढ़ने को मजबूर है। वहीं जिम्मेदार इस पर ध्यान नहीं दे रहे है। बता दें कि प्रधानाचार्य ब्रिजेश कुमार जयसवाल से पूछा गया विद्यालय में कितने बच्चे नामांकित हैं। तो उनका कहना था 60 से 70 बच्चे इस विद्यालय में नामांकित हैं। जिसमें से 40 से 43 बच्चे आज उपस्थित हैं।

वहीं विद्यालय के बदहाली पर प्रधानाचार्य का कहना है मेरा विद्यालय नगर पंचायत भारत भारी क्षेत्र में आता है, और यहां का मेंटेनेंस का काम साफ सफाई का काम नगर पंचायत के अंडर में है। इसी कारण मेरा विद्यालय बदहाल है, और इस पर कोई काम नहीं हो रहा है। बता दें कि विद्यालय की हालत और प्रधानाचार्य के बयान को सुनकर यह तो पता लगता है, कि यहां के अधिकारी और कर्मचारी आंख बंद कर घूम रहे हैं। ना तो इनको यह बदहाल विद्यालय दिखाई दे रहा है ना इस बदहाल विद्यालय में पढ़ रहे इन नौनिहाल बच्चों का भविष्य दिखाई दे रहा है।

बता दें सरकार की मंशा पढ़ेगा इंडिया- बढ़ेगा इंडिया का असर और उसका नाता इस विद्यालय से कोसों दूर है। सवाल केवल इस प्राथमिक विद्यालय या यहां के बच्चों से जुड़ा नहीं है। इसी तरह जिले में बहुत सारे बदहाल विद्यालय है, और जिम्मेदार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। वहीं इस मामले में समाजसेवी अली खान और माधवेंद्र मिश्रा का कहना है कि सरकार से बच्चों को जो सुविधा मिलनी चाहिए। उसे देने में पूरी तरह से नाकाम है।

वहीं जो सुविधाएं दे रही है। वह जिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत से इन बच्चों को नहीं मिल पाता और इस तरह के बदहाल विद्यालय में जिस तरह नौनिहाल बच्चे पढ़ रहे हैं। वह बहुत ही निंदनीय है, और इसमें जांच होनी चाहिए और इस तरह के लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी डुमरियागंज का कहना है। इस मामले में कार्रवाई के लिए मैंने लिख दिया है।

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