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दो दशक बाद गाँधी परिवार से बाहर हुई कांग्रेस की कमान, खरगे बने अध्यक्ष

नई दिल्ली। एक लम्बे जद्दोजहद के बाद कांग्रेस को अपना स्थाई राष्ट्रीय अध्य्क्ष मिल गया है. कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के लिए हुई वोटिंग के नतीजे बुधवार को घोषित हुये जिसमे वरिष्ठ कोंग्रेसी नेता और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे विजयी हुए. प्रतिद्वंदी शशि थरूर को करारी हार का सामना करना पड़ा।

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बता दें कि 24 साल के बाद गांधी परिवार से इतर मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं। वर्तमान में मल्लिकार्जुन खरगे राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं। हालांकि एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत के चलते उन्हें अब राज्यसभा में विपक्ष के नेता का पद छोड़ना पड़ेगा। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने मल्लिकार्जुन खरगे को 50 साल से भी ज्यादा राजनीतिक अनुभव है।

खरगे का राजनितिक सफर

मलिकार्जुन खरगे का जन्म 21 जुलाई 1942 को कर्नाटक के बीदर जिले में हुआ था। कानून में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद मल्लिका अर्जुन खरगे ने राजनीति में कदम रखा और 1972 में गुरमीत कल निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता। उन्होंने साल 1978, 1983, 1985 1989, 1994, 1999, 2004, 2008 और 2009 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल की।

यूपीए-2 की सरकार में बने केंद्रीय मंत्री

मलिकार्जुन खरगे यूपीए-2 के शासनकाल में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीते और केंद्र सरकार में श्रम और रोजगार मंत्री बने। इसके बाद उन्होंने जून 2013 से मई 2014 तक रेल मंत्रालय का प्रभार संभाला। 2014 में प्रचंड मोदी लहर में भी मल्लिकार्जुन खरगे ने लोकसभा का चुनाव जीता और लोकसभा में पार्टी के नेता रहे। उसके बाद मल्लिकार्जुन खरगे राज्यसभा के लिए चुने गए और गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल पूरा होने के बाद राजस्थान में विपक्ष के नेता हैं।

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