आगरा : उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पिंक टॉयलेट महज़ एक शोपीस बनकर रह गया है, जिनमें आगरा का नाम सबसे ऊपर है। इन टॉयलेट को बनाने में नगर निगम ने 65 लाख का खर्च किया लेकिन सालों बाद भी इनकी हालत जस की तस ही है।
बताया जा रहा है कि अब नगर निगम ने पिंक टॉयलेट की देख रेख का ज़िम्मा निजी कंपनी को दे दिया है। लेकिन इसके बावजूद न तो पिंक टॉयलेट के हालात सुधर पाए और ना ही यहाँ पानी की टंकी और सीवर कनेक्शन पूरी तरह हो पाए हैं। महिलाओं के लिए यह पिंक टॉयलेट एकदम व्यर्थ हैं।
शोपीस बन चुका है पिंक टॉयलेट
शहर की लाइफलाइन एमजी रोड के राजा मंडी चौराहे पर करीब 4 साल पहले पिंक टॉयलेट का निर्माण किया गया था। निर्माण के कुछ दिन तक तो पिंक टॉयलेट चालू रहे हैं। लेकिन इसके बाद से पिंक टॉयलेट शो पीस बने बंद पड़े हैं। राजा मंडी चौराहा ही नहीं भगवान टॉकीज, सुलतानगंज की पुलिया, यूनिवर्सिटी चौराहा और संजय प्लेस में पिंक टॉयलेट बनाए गए थे। लेकिन अब यह सभी पिंक टॉयलेट शोपीस बने पड़े हैं। महिलाओं के किसी काम के नहीं हैं। नगर निगम के अधिकारी भी हालातों से अनजान नहीं हैं।
नगर आयुक्त ने मामले का संज्ञान लेते हुए बताया कि इन टॉयलेट की देखरेख का जिम्मा सुलभ इंटरनेशनल कंपनी को सौंप दिया गया है। सुलभ इंटरनेशनल कंपनी के कर्मचारी पिंक टॉयलेट पर सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करेंगे। इसके लिए नगर निगम द्वारा पूरा भुगतान भी किया जा रहा है ।
पिंक टॉयलेट के सवाल पर महिलाओं ने दिखाई नाराजगी
पिंक टॉयलेट को लेकर पूछे गए सवालों पर शहर की महिलाओं ने काफी नाराज़गी जताई। कुछ महिलाओं ने कहा कि पिंक महज दिखावे के लिए बनाए गए हैं। महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट किसी काम के नहीं हैं। कभी टॉयलेट में पानी नहीं आता, तो कभी गंदगी रहती है।