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सोशल मीडिया पर गंदी और अपमानजनक टिप्पणियाँ करना नहीं है अपराध: बॉम्बे हाईकोर्ट !

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) के अनुसार आज हम आपको महत्वपूर्ण धारा के विषय में बताने जा रही है। हाल ही में, बॉम्बे हाईकोर्ट से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। ऐसे में सबसे बड़ी बात ये है कि बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है, सोशल मीडिया पर गंदी और अपमानजनक टिप्पणियाँ करना आईपीसी की धारा 153-A के तहत अपराध नहीं माना जायेगा। जब तक कि इसमें सार्वजनिक अव्यवस्था पैदा करने की प्रवृत्ति न हो।

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सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस सुनील बी शुकरे और जस्टिस एम डब्ल्यू चंदवानी की पीठ का कहना है कि, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर केवल तब तक है जब तक टिप्पणी और लेख इत्यादि पोस्ट करके इसका दुरुपयोग न किया जायेगा।

बता दें कि, जो स्वयं एक अपराध है या जो निषिद्ध क्षेत्र में नहीं आता है वो संविधान के अनुच्छेद 19(2) के संदर्भ में बनाया गया है।

सबसे बड़ी बात ये है कि, आवेदक के वकील श्री देशपांडे ने प्रस्तुत किया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए के तहत कोई भी दंडनीय अपराध आवेदक के खिलाफ नहीं बनता है, भले ही सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया गया हो और उन्हें वैसे ही पढ़ा गया हो।

बताया जा रहा है आवेदक के वकील श्री देशपांडे ने प्रस्तुत किया है कि, भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए के तहत कोई भी दंडनीय अपराध आवेदक के खिलाफ नहीं बनता है, भले ही सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया गया हो और उन्हें वैसे ही पढ़ा गया हो।

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