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फेक ब्लड रैकेट का मास्टरमाइंड लखनऊ में दबोचा गया, यूपी एसटीएफ को मिली सफलता

लखनऊ

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प्रदेश में फेक ब्लड रैकेट (Fake Blood Racket) का सबसे बड़ा मास्टरमाइंड सैफई मेडिकल कॉलेज (Saifai Medical College) में कार्यरत डॉ अभय कुमार सिंह (Dr. Abhay Kumar Singh) व उसका एक साथी अभिषेक पाठक (Abhishek Pathak) को यूपी STF ने लखनऊ (Lucknow) एक्सप्रेस-वे के पास से गिरफ्तार किया है।

फोटो : इंटरनेट

अन्य राज्यों में भी फैला हुआ है नेटवर्क

यूपी एसटीएफ (UP STF) के आईजी अमिताभ यश (IG Amitabh Yash) ने जानकरी देते हुए बताया कि गिरफ्त में आए डॉ व उसके साथी के पास से 100 यूनिट (Unit) नकली खून (Blood), लगभग 24 ब्लड बैंकों के कागजात, सैफई मेडिकल कॉलेज का पहचान पत्र, दस स्मार्टफोन, एक फोर्ड ईको स्पोर्ट कार व 24 हजार की नगदी बरामद हुई है। यूपी एसटीएफ अब इसके पूरे नेटवर्क के बारे में पता लगाने के लिए जुट गई है। साथ ही एसटीएफ के आईजी ने बताया कि इसका यह गैर-कानूनी बिज़नेस पुरे प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में भी फैला हुआ है।

राजधानी के कई हॉस्पिटल हैं शामिल

यूपी एसटीएफ की गिरफ्त में आया सैफई मेडिकल कॉलेज का डॉ अभय सिंह ने एसटीएफ को पूछताछ में बताया कि वह खुद ही नकली खून बनाता था और उसे लखनऊ के निदान ब्लड बैंक (Nidaan Blood Bank), अवध हॉस्पिटल (Awadh Hospital), वर्मा हॉस्पिटल (Verma Hospital), काकोरी हॉस्पिटल (Kakori Hospital), सुषमा हॉस्पिटल (Sushma Hospital), बन्थरा (Banthara) व मोहनलालगंज (Mohanlalganj) के कई अस्पतालों में सप्लाई किया करता था। ये सभी हॉस्पिटल व ब्लड बैंक अब यूपी एसटीएफ की जाँच के दायरे में आ गए हैं। साथ ही इसने अपने अन्य साथियों के भी नाम बताएं हैं।

फोटो : इंटरनेट

पंजाब (Punjab), राजस्थान (Rajasthan) व हरियाणा (Haryana) के ब्लड डोनेशन कैम्प्स (Blood Donation Camps) से एकत्रित किए गए खून को जब ये दोनों लखनऊ ला रहे थे, तभी यूपी एसटीएफ ने इनको दबोच लिया। इनकी गाड़ी से 45 यूनिट ब्लड व बाद में इनके फ्लैट से छापेमारी के दौरान 55 यूनिट ब्लड बरामद किया गया।

दूसरे राज्यों से लाते थे ब्लड

एसटीएफ टीम की जाँच के दौरान आरोपी डॉक्टर ने जानकारी दी कि राजस्थान, हरियाणा व पंजाब में सबसे अधिक ब्लड डोनेट किया जाता है। इसीलिए वे वहाँ से 1200 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से खून खरीदकर यहाँ लाकर मोटी कमाई किया करते थे। उन्हें यहाँ लगभग प्रति यूनिट खून पर 3000 से 5000 रुपए तक का फायदा मिलता था। साथ ही वे सलाइन वॉटर (Saline Water) को खून में मिलाकर एक यूनिट से दो यूनिट खून बना कर भी बेचा करते थे।

फोटो : इंटरनेट

सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत आरोपी

आरोपी डॉक्टर अभय सिंह ने वर्ष 2000 में केजीएमयू (KGMU) से एमबीबीएस (MBBS), वर्ष 2007 में एसजीपीजीआई (SGPGI) से एमडी (MD) की डिग्री (Degree) हासिल करने के बाद, लखनऊ के कई नामी हॉस्पिटल्स में काम किया। वर्तमान में आरोपी डॉक्टर यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस (University of Medical Science), सैफई (Saifai) में सहायक प्रोफेसर (Assistant Professor) के पद पर कार्यरत है।

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