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भाई दूज के दिन इस मुहूर्त में करें तिलक, बहनें भूलकर भी न करें ये गलतियां

भाई दूज हर साल दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है। ये रक्षाबंधन की तरह ही बेहद खास होता है। इस दिन बहनें भाई की लंबी उम्र के लिए पूजा करती हैं। ये त्योहार भाई और बहन के प्यार और रक्षा का प्रतीक होता है। भाई दूज को यम द्वितीया भी कहते हैं। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। बहनें इस दिन भाई की सलामती की कामना करते हुए उन्हें टीका करती हैं।

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भईया दूज का त्योहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है  भाई दूज के दिन तिलक मुहूर्त का विशेष महत्व है। 15 नवंबर को सुबह 10 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12:00 बजे तक के बीच में तिलक करना सबसे शुभ रहेगा। भाई दूज के दिन बहनें तिलक करते समय सही दिशा में बैठे। इस दौरान भाई का मुंह उत्तर या उत्तर-पश्चिम में से किसी एक दिशा में होना चाहिए और बहन का मुख उत्तर-पूर्व या पूर्व में होना चाहिए।

भाई दूज के शुभ दिन पर सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। उसके बाद तिलक करने से पहले थाली में रोली, अक्षत और गोला और मिठाई रख लें। फिर मुहूर्त के अनुसार, भाई का तिलक करें। बाद में उसे गोला भी दें। इस दौरान अपने भाई को मनपसंद का भोजन करवाएं। बाद में भाई अपनी बहन से आशीर्वाद लें और उन्हें भेंट दें।

क्या नहीं करना है चलिए उसे भी जान लीजिए। भाई दूज के दिन किसी भी समय तिलक न करें। इस दिन भाई और बहन दोनों ही काले रंग के वस्त्र न पहनें। भाई को तिलक करने तक बहनों को निर्जला ही रहना चाहिए। भाई दूज के दिन भाई-बहन को एक-दूसरे से झूठ नहीं बोलना चाहिए। इस दिन मांस का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से यम के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।

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