दिल्ली/लखनऊ : सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के मुख्य मंच के सामने शुक्रवार सुबह एक शव लटका हुआ मिला था। जिसका दाहिना हाथ काट कर शव को हाथ के साथ ही एक बैरिकेड पर लटका दिया गया। शव मिलने के बाद से ही सिंधु बॉर्डर पर बवाल मचा हुआ है। इस शव से जुड़े कई खुलासे भी हुए हैं। मृतक युवक की पहचान लखबीर सिंह के तौर पर हुई है। जो हरनाम सिंह का पुत्र है। मिली जानकारी के अनुसार हरनाम सिंह ने लखबीर को गोद लिया था जब वह महज़ छः महीने का था। 35 वर्षीय लखबीर सिंह तरन तारण जिले के चीमा खुर्द का रहने वाला था। मृतक के माता-पिता पहले ही मर चुके थे। वो अपने पीछे लखबीर और उसकी बहन राज कौर को छोड़ गए थे। जिसके बाद हरनाम सिंह ने इन दोनों की ज़िम्मेदारी ली थी। लखबीर की मौत के बाद पूरा परिवार सदमे में है।
निहंग शुरुवात से ही हमारे लिए समस्या खड़ी कर रहे – संयुक्त किसान मोर्चा
लखबीर सिंह की हत्या के पीछे निहंग सिखों का हाथ होने का खुलासा हुआ है। संयुक्त किसान मोर्चा ने भी निहंगों पर ही आरोप लगाया है। इस पूरे मामले पर किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल का बड़ा बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा की निहंग समूह के लोग ही हत्या के दोषी हैं। और उन्होंने इस हत्या की ज़िम्मेदारी भी ली है। निहंग सिख शुरुवात से ही हमारे लिए समस्या खड़ी कर रहे हैं। खबर यह भी समने आ रही है कि लखबीर बीते कुछ दिनों से उन्हीं निहंगों के साथ रह रहे थे जिन्होंने उसकी हत्या की है।
युवक पर गुरू ग्रंथ साहब के साथ बेअदबी का आरोप
पुलिस के मुताबिक लखबीर का कोई भी आपराधिक इतिहास नहीं रहा है। और न ही वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ था। अब सवाल यह उठता है कि जब उसका कोई भी आपराधिक इतिहास नहीं था और ना ही वह किसी भी राजनीतिक दल से ताल्लुक रखता था तो उसके साथ हुई बर्बरता का कारण क्या था। दरअसल, मृतक युवक पर आरोप है कि उसने गुरू ग्रंथ साहब के साथ बेअदबी की थी। जिसके बाद मृतक युवक वहां से भागने लगा। तभी गेट पर पहरा दे रहे निहंगों ने इस युवक को पकड़ लिया और उसे जमकर पीटा। निहंगों ने लखबीर से इस बेअदबी के पीछे उसका मकसद पूछा तो उसने कुछ भी जवाब नहीं दिया। जिसके बाद लखबीर की इस हरकत से गुस्साए निहंगों ने उसका हाथ काट दिया और फिर उसका पैर भी काट कर बैरिकेड से लटका दिया।
हत्या को अंजाम देने वाले शख्स को नहीं है अफ़सोस
इस हत्या को अंजाम देने वाले शख्स का नाम सरवजीत सिंह है। जिसने कल शाम सोनीपत पुलिस के सामने अपना गुनाह क़ुबूल किया है। उसे अपनी इस हरकत पर ज़रा भी अफ़सोस नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हत्या का यह मामला
अब हत्या का यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया है। आज आरोपी निहंग को कोर्ट में पेश किया गया। याचिकाकर्ता स्वाति गोयल एवं संजीव नेवार की ओर से वकील शशांक शेखर झा ने सुप्रीम कोर्ट से इस निर्मम हत्या समेत पूर्व की कई घटनाओं का उल्लेख करते हुए प्रदर्शनकारी किसानों को हटाने की मांग करने वाली पहले से दाखिल एक याचिका पर शीघ्र सुनवाई की मांग की है।
इस याचिका में हत्या के इस मामले के अलावा एक महिला के साथ बलात्कार, लाल किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा फहराना, प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने की घटनाओं के बारे में उल्लेख है।
मिलती रही है तारिख पर तारिख
शशांक शेखर झा ने बताया कि याचिका पर 10 मई 2021 को सुनवाई होनी थी, जो 13 मई के लिए टल गई। फिर 31 मई और फिर 12 जुलाई के लिए टल गई। लगातार किसी न किसी वजह अब तक सुनवाई टलती आ रही है। इसी वजह से याचिका पर शीघ्र सुनवाई की मांग के लिए विशेष उल्लेख के तहत अदालत से आवेदन किया गया है।
राजनीतिक फायदा उठाने की मची होड़
यह निर्मम हत्या उस किसान आंदोलन में हुई है, जिसे अब तक शांतिपूर्ण बताया जा रहा था। लेकिन इस वारदात के बाद से किसान आंदोलन का चेहरा पलट हो गया है। इस पर भी अब राजनीतिक फायदा उठाने की होड़ मची हुई है। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि इस घटना से उनका कुछ लेना देना नहीं है और दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।