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सीमापुरी : चुपके से दरवाज़े पर मौत ने दी दस्तक, एक ही परिवार के चार लोगों की गई जान, अगले महीने थी एक की शादी

सीमापुरी : सीमापुरी (Seemapuri) में सोमवार रात भीषण आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई है। सोमवार रात को घर के बाहर होरीलाल (Horilal) अपनी पत्नी से खूब मजाक कर रहे थे। जल्द ही उसकी पत्नी सास बनने और बहू से सेवा करवाने वाली थी। जिसे लेकर मजाक किया जा रहा था। लकिन शायद ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था। मौत चुपके से होरीलाल के दरवाजे पर आई और चार जिंदगियों के साथ घर की सारी खुशियां ले गई।

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दरअसल होरीलाल के बड़े बेटे आशु की शादी अगले ही महीने होने वाली थी। घर में उसी की तैयारी चल रही थी। अपने बेटे की शादी को लेकर होरीलाल और रीना (Reena) काफी खुश थे। लकिन देखते ही देखते सब कुछ मिट्टी में मिल गया। हादसे के बाद होरीलाल के इकलौते बचे बेटे की तो आंखे ही जैसे पथरा गई थीं। वह ना तो कुछ बोल पा रहा था और ना ही कुछ समझ पा रहा था।

एक ही परिवार के चार लोगों की गई जान

वहीं रीना की छोटी बहन निशा भी बार-बार अपना होश खो दे रही थी। बाकी परिजनों का भी रो-रो कर बुरा हाल था। होरीलाल के बेटे का शव देर शाम को पोस्टमार्टम (postmortem) के बाद पुलिसवालों ने परिजनों के हवाले कर दिया। जिसके बाद परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया। रिश्तेदार कृष्ण ने बताया कि होरीलाल काफी मजाकिया टाइप के इंसान हैं। और इनका परिवार भी बहुत हंसमुख था। सोमवार की रात को करीब 10.30 बजे होरीलाल घर के बाहर खड़े होकर अपनी पत्नी से मजाक कर रहे थे। कृष्ण भी उस वक्त वही मौजूद था। सभी लोग काफी देर तक हंसी-मजाक करते रहे। उसके बाद होरीलाल अपने घर के ऊपर चले गए थे।

होरीलाल के रिश्तेदार कृष्ण (Krishna) ने बताया की होरीलाल ने अपने बड़े बेटे आशु का रिश्ता काफी समय से महिपालपुर (Mahipalpur) में कर रखा था। अब जल्दी ही नवंबर या दिसंबर के पहले सप्ताह में शादी करने को कह रहे थे। एक या दो दिन में शादी की डेट फिक्स होने वाली थी। शादी के लिए कपड़ों और अन्य सभी सामान की खरीदारी चल रही थी। इस शादी को लेकर पूरा परिवार काफी उत्साहित था। पड़ोसी मनोज ने बताया कि देर रात करीब 12.30 बजे वह उनके घर के पास ही मौजूद थे। इस दौरान अक्षय अपने दोस्तों के साथ बाहर था। जब वह घर पंहुचा तो उसने दरवाजा खटखटाया तो उसके भाई ने दरवाजा खोला।

एक ही परिवार के चार लोगों की गई जान

घर पहुंचने के बाद अक्षय सीधा अपने घर के तीसरी मंजिल पर स्थित रसोई में गया। वहां उसने खाना खाया उसके बाद सोने के लिए वापस दूसरी मंजिल पर आ गया। एक अन्य रिश्तेदार ने बताया कि होरीलाल का परिवार कांता देवी के मकान में किराए पर काफी समय पहले से रह रहे थे लकिन बच्चों के बड़े होने की वजह से होरीलाल ने डेढ़ साल पहले ही कांता के मकान के ठीक सामने अपने दोनों बेटों के लिए दूसरी और तीसरी मंजिल खरीद ली थी।

इसके बाद एक छोटी सी दुकान भी किराए पर ली थी जोकि घर से काफी नजदीक है। काम से आने के बाद रीना वही बैठती थी। फिलहाल बेरोजगार होने की वजह से आशु अपने मां की मदद करता था। अब अक्षय का जीवन आगे कैसे चलेगा इसकी चिंता सबको सता रही है।

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