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दरियादिली : इस राजनेता ने भिक्षावृत्ति कर रही महिलाओं को साथ बैठा कर किया भोजन, फिर हुई सियासत !

भोपाल : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) से कुछ तसवीरें सामने आने के बाद से हर तरफ उन्हीं की बातें हो रही हैं। यह तसवीरें राजनीतिक दृष्टिकोण से भी फायदेमंद हो सकती हैं। इन तस्वीरों को देखकर आपके दिमाग में भी किसी पार्टी या जलसे की छवि बन जाएगी। आप सोच में पड़ जाएंगे कि यह किस तरह की पार्टी है, जहाँ किसी के भी शरीर पर महंगे महंगे कपड़े नहीं है। तन पर गहने नहीं हैं। महिलाएं सजी संवरी भी नहीं हैं। तो इसका जवाब हम आपको देते हैं।

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महिलाओं के लिए यादगार बनी इस साल की दिवाली

दरअसल, यह किसी तरह की पार्टी या जलसा नहीं बल्कि दिवाली का त्यौहार मनाने का एक अनूठा तरीका है। जिसे मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव मनोज शुक्ला (Madhya Pradesh Congress Committee Secretary Manoj Shukla) सामने लेकर आए हैं। 6 नवंबर 2021 का यह दिन इन महिलाओं के लिए यादगार बन गया है। सोशल मीडिया (social media) पर एक वीडियो पिछले कई दिनों से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में भोपाल के विभिन्न मंदिरों की दहलीज पर भीख मांगकर पेट पालने वाली माता और बहनों को खाना खाते देखा जा सकता है।

2 दर्जन महिलाओं को फाइव स्टार होटल में करवाया भोजन

बता दें कि कांग्रेस कमेटी के सचिव मनोज शुक्ला ने करीब 2 दर्जन महिलाओं को फाइव स्टार होटल जहांनुमा (Five Star Hotel Jahanuma) में अपने साथ भोजन करवा कर ‘‘दीवाली मिलन’’ मनाया था। इस अनूठे दिवाली मिलन की जानकारी खुद मनोज शुक्ला ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर दी थी।

 

इस मुद्दे पर भी हो गई सियासत

अब जब नाम किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा हो तो सियासत होनी तो लाज़मी है। फिर चाहे वो दिवाली का त्यौहार ही क्यों न हो। इस अनूठे दिवाली मिलन के अवसर पर भी मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव मनोज शुक्ला ने राजनीती कर डाली। इन्होंने इस मौके पर क्या कहा आइए आपको बताते हैं।

“बढ़ती महंगाई के कारण भीख मांगने के अलावा कोई काम नहीं”

मनोज शुक्ला का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह कहते नज़र आ रहे हैं कि नरेला विधानसभा क्षेत्र (Narela assembly constituency) में सालों से यह बुजुर्ग माताएं और बहनें भीख मांग रही हैं। इनके बच्चे भी भीख मांग कर ही पेट पालते हैं। इन्हें मजदूरी भी नहीं मिल रही है। दिनों-दिन बढ़ती महंगाई के कारण उनके बच्चों के पास भी भीख मांगकर पेट पालने का अलावा कोई विकल्प नहीं है।

नहीं मिलता सरकार की किसी भी योजना का लाभ

कांग्रेस कमिटी के सचिव मनोज शुक्ला आगे कहते हैं,”न महिलाओं को सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं मिलता। न राशन मिलता है, न संबल जैसी योजनाओं का लाभ। स्थानीय विधायक इनके सामने से कई बार गुजरे, लेकिन इनका दर्द नहीं समझा। 15 सालों से जिस जनता ने उन्हें चुना, वे भिक्षावृत्ति से उबर नहीं पाई।”

ऑनलाइन राखी बंधवा कर हो रहा भावनात्मक शोषण

इन माताओं के साथ भोजन कर पाने के अवसर को उन्होंने अपना सौभाग्य बताया। उन्होंने कहा कि यह उनकी यादगार दीवाली रहेगी। शुक्ला ने कहा कि स्थानीय विधायक और प्रदेश सरकार के मंत्री हर साल रक्षाबंधन पर बहनों से राखी बंधवाने का ढोंग करते रहे हैं। यदि वे वास्तव में भाई होने का फर्ज निभा रहे होते, तो महिलाओं की इतनी दयनीय स्थिति नहीं होती। अब तो कोरोना के नाम पर मंत्री जी ऑनलाइन राखी बंधवा कर बहनों का भावनात्मक शोषण कर रहे हैं।

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