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रहस्यमयी : इस गुफ़ा में छिपा है दुनिया के ख़त्म होने का राज़, पढ़कर उड़ जाएंगे होश

पिथौरागढ़/लखनऊ : आज भी दुनियाभर में कई रहस्यमयी गुफाएं मौजूद हैं जो कि वैज्ञानिकों के लिए आज भी एक पहेली बनी हुई है। भारत के उत्तराखंड (Uttarakhand) राज्य में ऐसी ही एक गुफा स्थित है। यह गुफा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जिले में स्थित है। इस रहस्यमयी गुफा को पाताल भुवनेश्वर (Patal Bhubaneshwar ) गुफा मंदिर के नाम से जाना जाता है। पुराणों (Puranas) में इस गुफा का जिक्र मिलता है। इस गुफा के गर्भ में दुनिया के समाप्त होने का रहस्य भी छिपा हुआ है। समुद्र तल से 90 फीट नीचे स्थित यह मंदिर जितना सुंदर है उतना ही रहस्यमयी भी है। इस गुफा के अंदर जाने का रास्ता बेहद ही पतला हैं। आईए जानते हैं इस रहस्यमयी पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर से जुड़े रहस्यों के बारे में…

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बताया जा रहा है कि, सूर्य वंश के राजा ऋतुपर्णा (Raja Rituparna) ने इस मंदिर की खोज की थी। राजा ऋतुपर्णा का त्रेता युग में अयोध्या (Ayodhya) पर शासन था। नागों के राजा अधिशेष से यही इनकी मुलाकात हुई थी। मान्यताओं के मुताबिक, इस मंदिर की खोज करने वाले राजा ऋतुपर्णा पहले इंसान थे।

इस गुफा के अंदर राजा ऋतुपर्णा को नागों के राजा अधिशेष लेकर गए थे। यही राजा को भगवान शिव और अन्य देवी देवताओं के दर्शन प्राप्त हुए। इसके बाद इस गुफा की कोई भी चर्चा नहीं की गई। फिर पांडवों (Pandavas) ने द्वापर युग में इस गुफा को खोजा। पांडव इसी गुफा में भगवान की पूजा करते थे। स्कंदपुराण (Skanda Purana) में बताया गया है कि पाताल भुवनेश्वर में भगवान शिव निवास करते हैं यहां सभी देवी देवता उनकी पूजा करने के लिए आते हैं। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, जगदगुरु आदि शंकराचार्य (Shankaracharya) ने कलयुग में इस गुफा की खोजकर यहां एक तांबे का शिवलिंग स्थापित किया था।

बताया जाता है कि नागों के राजा अधिशेष ने अपने सिर पर पृथ्वी का भार उठाया हुआ है। इस मंदिर में रणद्वार, पापद्वार, धर्मद्वार और मोक्षद्वार के नाम के चार दरवाजे हैं। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, जब रावण की मौत हुई थी, तो पापद्वार बंद हो गया था। फिर महाभारत का युद्ध समाप्त होने के बाद रणद्वार भी बंद हो गया था। माना जाता है कि भगवान गणेश का कटा सिर इसी मंदिर में स्थापित है। और यहां पर भगवान गणेश को आदिगणेश कहा जाता है। इस मंदिर में चार खंभे हैं जो सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग का प्रतीक हैं। इन खंभो में कलियुग के खंभे की लंबाई सबसे अधिक है।

बताया जा रहा है कि, इस गुफा में स्थित एक शिवलिंग लगातार बढ़ता ही जा रहा है। मान्यताओं के मुताबिक, जब यह शिवलिंग गुफा की छत को छू देगा, तो दुनिया समाप्त हो जाएगी। कहा जाता है कि इस गुफा में स्थित पत्थर से जानकारी मिल सकती है कि दुनिया कब समाप्त होगी।

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