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अयोध्या ज़मीन घोटाला : सरकार ने दिए जांच के आदेश, फिर भी प्रियंका हमला करने में नहीं रहीं पीछे

अयोध्या/लखनऊ : रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण के फैसले के बाद ज़मीन की कीमतों में अच्छा उछाल आया। जिसका लाभ उठाकर कुछ अफसरों और समाजसेवियों ने जमीन खरीद कर बेच दी। जिसकी अब राज्य सरकार जांच कराने जा रही है। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए हैं। इस पूरे मामले की जांच राजस्व विभाग के विशेष सचिव करेंगे। जिसकी रिपोर्ट उन्हें 5 दिन के अंदर शासन को देनी होगी।

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फरवरी 2020 में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन हुआ। ट्रस्ट ने करीब 70 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया। जिसके बाद अयोध्या में जमीन खरीदी के लिए होड़ मच गई। इसमें यहां तैनात अफसरों से लेकर विधायक और मेयर तक शामिल थे। इनलोगों ने राम मंदिर स्थल के 5 किलोमीटर के दायरे में जमीन खरीदी थी। मामले को लेकर जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने मीडिया से दावा किया कि ‘अगर कोई शिकायत आती है, तो जांच करेंगे। अभी तक तो कोई शिकायत नहीं आई है। मामला भी मेरे संज्ञान में नहीं है। ऐसे मामलों में किस अधिकारी ने कब और कैसे जमीन खरीदी, अगर इसके सबूत मिलते हैं, तो जांच होगी।

किसने खरीदी ज़मीन

कमिश्नर एमपी अग्रवाल के ससुर केशव प्रसाद अग्रवाल ने 10 दिसंबर, 2020 को बरहटा मांझा में महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 31 लाख रुपये में 2,530 वर्ग मीटर जमीन खरीदी। उनके बहनोई आनंद वर्धन ने भी उसी दिन उसी गांव में महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 15.50 लाख रुपये में 1,260 वर्ग मीटर भूमि खरीदी।कमिश्नर की पत्नी अपने पिता की फर्म हेलमंड कॉन्ट्रैक्टर्स एंड बिल्डर्स एलएलपी में पार्टनर हैं।

26 जुलाई, 2020 और 30 मार्च, 2021 के बीच अयोध्या के डीआईजी रहे दीपक कुमार (Deepak Kumar) की पत्नी की बहन महिमा ठाकुर (Mahima Thakur) ने 1 सितंबर, 2021 को बरहटा मांझा में 1,020 वर्ग मीटर जमीन महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 19.75 लाख रुपये में खरीदी। दीपक कुमार मौजूदा डीआईजी अलीगढ़ (DIG Aligarh) हैं।

20 जुलाई 2018 से 10 सितंबर 2021 के बीच मुख्य राजस्व अधिकारी रहे पुरुषोत्तम दास गुप्ता (एडीएम गोरखपुर) के साले अतुल गुप्ता की पत्नी तृप्ति गुप्ता ने अमरजीत यादव के साथ मिलकर 12 अक्टूबर 2021 को बरहटा मांझा में 1,130 वर्ग मीटर भूमि महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 21.88 लाख रुपये में खरीदी है।
पूर्व भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी ने 18 नवंबर 2019 को बरहटा मांझा में महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 2,593 वर्ग मीटर जमीन 30 लाख रुपये में खरीदी है।

अयोध्या के तत्कालीन एसडीएम आयुष चौधरी की चचेरी बहन शोभिता रानी ने 28 मई, 2020 को अयोध्या के बिरौली में आश्रम से 5,350 वर्ग मीटर भूमि को 17.66 लाख रुपये में खरीदा।

28 नवंबर, 2019 को शोभिता रानी द्वारा संचालित आरव दिशा कमला फाउंडेशन ने दिनेश कुमार से 7.24 लाख रुपये में अयोध्या के मलिकपुर में 1,130 वर्ग मीटर भूमि खरीदी।

तत्कालीन सीओ सिटी अरविंद चौरसिया के ससुर संतोष कुमार चौरसिया ने 21 जून, 2021 को भूपेश कुमार से अयोध्या के रामपुर हलवारा उपरहार गांव में 126.48 वर्ग मीटर भूमि को चार लाख रुपये में खरीदा।

21 सितंबर 2021 को उनकी सास रंजना चौरसिया ने काेरखाना में 279.73 वर्ग मीटर भूमि भागीरथी नामक व्यक्ति से 20 लाख रुपये में खरीदा था।
विधायक वेद प्रकाश गुप्ता के भतीजे तरुण मित्तल ने 21 नवंबर 2019 को बरहटा मांझा में 5,174 वर्ग मीटर जमीन रेणु सिंह और सीमा सोनी से 1.15 करोड़ रुपये में खरीदी।

29 दिसंबर, 2020 को उन्होंने मंदिर स्थल से लगभग पांच किमी. दूर सरयू नदी के पार महेशपुर (गोंडा) में अधिवक्ता एवं होटल व्यवसायी जगदंबा सिंह और जदुनंदन सिंह से चार करोड़ रुपये में 14,860 वर्ग मीटर भूमि खरीदी।

विधायक इंद्र प्रताप तिवारी ने 18 नवंबर 2019 को बरहटा मांझा में एमआरवीटी से 2,593 वर्ग मीटर जमीन 30 लाख रुपये में खरीदी। 16 मार्च 2021 को उनके बहनोई राजेश कुमार मिश्रा ने राघवाचार्य के साथ मिलकर एक सूरज दास से बरहटा माझा में 6320 वर्ग मीटर भूमि 47.40 लाख रुपये में खरीदी।
राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही की पत्नी संगीता शाही और उनके बेटे सहर्ष कुमार शाही ने 18 नवंबर, 2021 को अयोध्या के सरायरासी मांझा में 929.85 वर्ग मीटर भूमि 15.82 लाख रुपये में खरीदी।

राज्य ओबीसी आयोग के सदस्य बलराम मौर्य ने 28 फरवरी, 2020 को गोंडा के महेशपुर में जगदंबा और त्रिवेणी सिंह से 50 लाख रुपये में 9,375 वर्ग मीटर जमीन खरीदा था।

प्रियंका गाँधी की टिप्पणी

अब इस पूरे मामले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने प्रेस कांफ्रेंस (Press Conference) कर अपनी टिप्पणी की है। प्रियंका ने कहा,’राम मंदिर के आसपास की जमीन पर लूट हुई है, भाजपा के नेता, पदाधिकारी और सरकारी अधिकारी लूट में मिले हुए हैं। भगवान राम नैतिकता के प्रतीक थे और आप उनके नाम पर भी भ्रष्टाचार कर रहे हैं, पूरे देश की आस्था पर चोट पहुंचा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने ​इसमें जांच करने के लिए कहा है, इसमें जांच ज़िलाधिकारी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं, ट्रस्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाया गया था इसलिए जांच भी सुप्रीम कोर्ट के स्तर पर की जानी चाहिये।’

प्रियंका गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा,’10 हजार वर्ग मीटर की जमीन 8 करोड़ रुपये में ट्रस्ट को बेची गई, फिर उसी जमीन का दूसरा हिस्सा जो कि 12 हजार वर्ग मीटर का था उसे दो करोड़ रुपये में किसी रवि मोहन तिवारी को बेची गई। ये जमीन 19 मिनट बाद बेची गई तो जो 12 हजार वर्ग मीटर की दूसरी जमीन है, उसे रवि मोहन तिवारी 19 मिनट बाद खरीदते हैं। प्रियंका ने आगे गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि तिवारी ने जो जमीन खरीदी उसमें आरएसएस के नेता अनिल मिश्रा और राम मंदिर के ट्रस्टी गवाह हैं। उसमें दूसरे गवाह अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय हैं। पांच मिनट बाद रवि मोहन तिवारी उसी दो करोड़ की जमीन को 18.5 करोड़ में ट्रस्ट को बेच देते हैं। अगर ये घोटाला नहीं है, भ्रष्टाचार नहीं है तो क्या है ?

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