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कानपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ा: शुक्लागंज में 300 घर डूबे !

कानपुर : यूपी में नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। हिंडन नदी में आयी बाढ़ से नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गये। वहीं, अब नरौरा डैम और हरिद्वार से लगातार पानी छोड़े जाने से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। जिसके कारण कानपुर और आसपास के कई क्षेत्रों में पानी भर गया है। सूचना के अनुसार शुक्लागंज में 300 घर डूब गए हैं। इसके अलावा, ग्रामीण इलाकों चैनपुरवा, नत्थापुरवा में भी बाढ़ का पानी पहुंचने लगा है। गंगा बैराज के पास घाट पर करीब 20 फुट ऊपर पानी बह रहा है। घरों को खाली कराने और राहत कार्य के लिए नावों का प्रयोग किया जा रहा है।

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साथ ही आगरा में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर है। यमुना में पानी खतरे के निशान से 2 फीट ऊपर है। यह निशान 495 फीट है जबकि गुरूवार सुबह जलस्तर 497 दर्ज किया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अभी तक गंगा कटरी के किनारे के गांवों को अभी तक खाली नहीं कराया गया है। वहीं नत्थापुरवा में गांव से करीब 10 फीट की दूरी पर बाढ़ का पानी पहुंचा हुआ है।

डैम से अभी भी छोड़ा जा रहा पानी।

बाढ़ से बैराज के पास कल्लूपुरवा गांव के छोर पर पानी का तेज कटान शुरू हो गया है। जिसके नीचे जाकर गंगा में नहाने पर रोक लगा दी गयी है। उधर किसी के भी जाने पर रोक लगा दी गयी है। सिचाई विभाग के अनुसार नरौरा और हरिद्वार डैम से पानी फिर से भारी मात्रा में छोड़ा जाने लगा है। गुरूवार सुबह नरौरा से पानी का डिस्चार्ज बढ़कर 1 लाख 44 हज़ार क्यूसेक हो गया है। वहीं, हरिद्वार से यह 1 लाख 17 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

बाढ़ पीड़ितों के लिए तटवर्ती स्कूलों को आश्रय स्थल बनाया गया है। इनकी संख्या डेढ़ दर्जन है। बैराज सबसे उचाई पर होने के कारण यदि समस्या अधिक होती है तो सबको वहीं रखा जाएगा।

 

 

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