डॉ. घनश्याम तिवारी हत्याकांड: सुल्तानपुर में शनिवार, 23 सितंबर को डॉ. घनश्याम तिवारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी। जिसके बाद रविवार को उनका पोस्टमॉर्टम हुआ। जिसमें उनके शरीर पर आधा दर्जन से ज्यादा गंभीर चोटों के निशान मिले। रिपोर्ट में सामने आया कि उनकी निर्दयता से पीटकर हत्या की गयी। पोस्टमॉर्टम के बाद डॉ. घनश्याम तिवारी का शव उनके परिजनों को सौपा गया। जिसके बाद उनके शव को लंभुआ कोतवाली क्षेत्र के पैतृक गांव सखौली ले जाया गया। उनका शव गांव में पहुंचते ही कोहराम मच गया। उनके परिजनों एवं ग्रामीणों ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त किया। परिजनों ने शव का अंतिम सस्कार करने से मना कर दिया। परिजनों की मांग है कि आरोपियों को सजा दी जाये।
जमीन विवाद में डॉक्टर की पीट-पीट कर हत्या।
दरअसल, 56 वर्षीय डॉ. घनश्याम तिवारी शास्त्री नगर में एक किराए के मकान में रहते थे। वो पिछले तीन साल से जयसिंहपुर सीएचसी पर बतौर संविदा डॉक्टर कार्यरत थे। रोज की तरह ही वो शनिवार को भी सुबह ड्यूटी के लिए सीएचसी गए थे। जिसके बाद वो करीब शाम 4 बजे घर लौटे और कुछ पैसे लेकर घर से निकल गए। इसके बाद वो रात 8:30 बजे के आसपास एक ई-रिक्शा से खून में लथपथ हालत में घर पहुंचे। जिसे देख कर उनकी पत्नी हड़बड़ा गईं। आनन-फानन में उन्हें लेकर तुरंत राजकीय मेडिकल कॉलेज पहुंची। जहां डॉक्टरों ने चेकअप के बाद घनश्याम तिवारी को मृत घोषित कर दिया।
पुलिस के अनुसार मामला जमीन की दुश्मनी का है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2022 में डॉ घनश्याम तिवारी ने शास्त्री नगर क्षेत्र में एक जमीन खरीदी थी। यह जमीन उन्होंने नारायणपुर निवासी अजय नारायण सिंह से खरीदी थी। डॉक्टर ने यह जमीन दो पार्ट में एक-एक बिस्वा करके 20-20 लाख में खरीदी थी। लेकिन जमीन खरीदने के बाद दोनों में विवाद हो गया। अजय नारायण उन्हें दाखिल-खारिज के बाद भी जमीन पर काबिज होने के एवज रंगदारी मांग रहा था।इसी सिलसिले में शनिवार को अजय नारायण ने फोन कर उन्हें मिलने बुलाया। जिसके बाद पीट-पीटकर डॉक्टर को मरणासन्न कर दिया। अंत में उनकी मौत हो गई। डॉक्टर की पत्नी निशा तिवारी की तहरीर पर अजय समेत तीन अन्य के विरुद्ध हत्या का मुकदमा कोतवाली नगर में दर्ज किया गया है।
डॉ. घनश्याम तिवारी हत्याकांड: दाह संस्कार न कराने की मांग पर अड़े।
इस मामले में पुलिस ने तीन से चार लोगों को हिरासत में लिया है। साथ ही ई-रिक्शा चालक को भी पकड़ कर पूछताछ की जा रही है। मुख्य आरोपी अभी पुलिस की पकड़ में नहीं आ पाया है। वहीं घटना के बाद मृतक के परिजन दाह संस्कार न कराने की मांग पर अड़े हुए हैं। उन्होंने लंभुआ से भाजपा विधायक सीताराम वर्मा समेत अन्य शीर्ष के अधिकारी मृतक घनश्याम तिवारी के घर पहुंचे। लेकिन परिजन अपनी मांग को लेकर कायम रहे। परिजनों ने मांग करते हुए कहा, ”जब तक डिप्टी सीएम बृजेश पाठक उनकी चौखट पर नहीं आएंगे और आरोपियों के घर पर बुलडोजर नहीं चलेगा, तब तक वो डॉ. घनश्याम का दाह संस्कार नहीं करेंगे।”