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जब जब हुई ईडी की छापेमारी, खरीद लिए चुनावी बॉन्ड, इन कंपनियों ने दिया सबसे ज्यादा चंदा

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की ओर से चुनाव आयोग को दी गई इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी में बेहद चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। इसमें सबसे अधिक चंदा देने वाली कंपनियां ऐसी कंपनियां हैं जिन पर ईडी और इनकम टैक्स की छापेमारी हो चुकी है। यानी जब जब ईडी या इनकम टैक्स ने छापा मारा इन कंपनियों ने उसके कुछ ही दिन बाद इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदकर एक तरह से चुनावी चंदा दे दिया। इस सूची में सबसे अधिक चंदा देने वाली कंपनी का नाम भी शामिल है जिसने जब जब ईडी की छापेमारी हुई चुनावी बॉन्ड खरीदे। 2019 से 2024 के बीच सबसे ज्यादा चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली 30 कंपनियों में से 14 ऐसी कंपनियां हैं, जिन पर छापेमारी हो चुकी है।

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इस सूची में सबसे पहला नाम है फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का. इस कंपनी ने 2019 से अब तक 1,368 करोड़ के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं. लॉ़टरी किंग सेंटियागो मार्टिन इसके मालिक हैं। साल 2022 में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के केस में कंपनी पर छापेमारी की और 409 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी। कंपनी पर आरोप थे कि 2014 से 2017 के बीच कंपनी ने लॉटरी टिकेट के जरिए गैरकानूनी तरीके से 400 करोड़ रुपये कमाए. मई 2019 में भी कंपनी पर छापेमारी हुई थी. इसके एक साल बाद ही कंपनी ने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. 2 अप्रैल, 2022 की छापेमारी के बाद 7 अप्रैल को कंपनी ने 100 करोड़ के चुनावी बॉन्ड खरीदे.

इस सूची में मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड का भी नाम है। इस कंपनी ने 966 करोड़ की कीमत के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं. 12 अप्रैल, 2019 से कंपनी ने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने शुरू किए और एक दिन में ही एक करोड़ की कीमत वाले कई बॉन्ड खरीदे. 2019 से 12 अक्टूबर, 2023 तक कंपनी ने कई इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. साल 2019 में मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर अक्टूबर, 2019 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रेड मारी थी. इस कार्रवाई में हैदराबाद और अन्य जगहों पर कंपनी से जुड़े कई कार्यालयों पर छापेमारी की गई थी. इस कंपनी के मालिक तेलुगु बिजनेसमैन कृष्णा रेड्डी हैं.

ऐसी ही एक कंपनी है हल्दिया इंजीनियरिंग लिमिटेड इसने 377 करोड़ रुपये इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए डोनेट किए हैं. कंपनी पर सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन की 2020 में कार्रवाई हुई थी. वेदांता ग्रुप कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड पर साल 2022 में ईडी ने छापेमारी की थी. इस कंपनी ने 400 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं. यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की ओर से 162 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के जरिए पॉलिटिकल पार्टी को चंदा दिया है. कंपनी पर यह छापेमारी साल 2020 में हुई थी और कंपनी ने 2021 में चुनावी बॉन्ड खरीदे.

डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स लिमिटेड पर साल 2019 में सीबीआई की ओर से जमीन आवंटन में अनियमितता के मामले में कार्रवाई की गई थी. इसके बाद 2023 में ईडी ने कंपनी के गुरुग्राम में कार्यालयों पर भी छापेमारी की थी. इस कंपनी ने 130 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे.

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