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चुनाव के दौरान जब्त कैश और शराब का क्या होता है? आज जान ही लीजिए

आपने अक्सर सुना होगा कि चुनाव के दौरान किसी गाड़ी से करोड़ों के कैश जब्त किए गए तो कहीं भारी मात्रा में शराब। तो आपके मन में ये सवाल जरूर उठता होगा कि आखिर चुनाव के दौरान जब्त किए गए इन पैसों या शराब का होता क्या है? आखिर इसे कहां रखा जाता है? क्या ये सरकार का हो जाता है? क्या जिसका होता है चुनाव के बाद उसे लौटा दिया जाता है? क्या होता है इन पैसों या शराब का> तो आज इस वीडियो में आपको इन सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। तो चलिए वीडियो शुरू करते हैं।

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एक आंकड़े की बात करें तो पिछले साल 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग ने ने 17 सौ करोड़ से भी ज्यादा कीमत की शराब, कीमती धातुएं और पैसे जब्त किए थे। ये सिर्फ विधानसभा का आंकड़ा है, लोकसभा के चुनाव में ये आंकड़ा कई गुना बढ़ जाता है। अब आइए इस बार के चुनाव की बात करते हैं। चुनाव की तारीखों के ऐलान होते ही नकदी और शराब जब्त होने शुरू हो गए हैं। बुधवार को कर्नाटक में पौने 6 करोड़ कैश और 21 करोड़ से ज्यादा कीमत की अवैध शराब पाई गई. 24 किलोग्राम ड्रग्स और 27 करोड़ के आसपास सोना-चांदी भी मिले.

अब जानिए नियम क्या है। दरअसल,  चुनाव के दौरान ये जो नगदी, शराब, ड्रग्स या कपड़े-गहने बरामद होते हैं, ये काला धन है. चुनाव आयोग ने ने चुनाव लड़ने के लिए लगने वाली रकम की एक सीमा तय की है। पार्टियों समेत कैंडिडेट खुद को जिताने की कोशिश में इससे कहीं ज्यादा खर्च करते हैं लेकिन वो चोरी छिपे। बस इसी में कई बार पकड़ा जाता है ये काला धन। चुनाव आयोग जानता है कि चुनाव जीतने के लिए हर तिकड़म भिड़ाया जाएगा। इसीलिए चुनाव आचार संहिता लगते ही सख्ती बढ़ा दी जाती है और जगह जगह गाड़ियों की चेकिंग शुरू हो जाती है।

अब जो नकदी जब्त होती है वो चुनाव आयोग के पास जाती है। शुरुआती पूछताछ चुनाव आयोग की तरफ से होता है। इसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जिम्मा लेता है. अगर पता चल जाए कि कैश चुनाव में वोटरों को लुभाने के लिए था, तो एफआईआर दर्ज कर दी जाती है। फिर कोर्ट में केस चलता है। इस दौरान अगर साबित हो जाए कि पैसे इलेक्शन परपज के लिए नहीं थे, तो इसे वापस कर दिया जाता है लेकिन इसके लिए जरूरी दस्तावेज नहीं दिखाए गए और कोर्ट को लगा कि इसका मकसद चुनाव के उद्देश्य से था तो फिर इस रकम को संबंधित जिले के राजकीय कोष में जमा कर दिया जाता है। कैश के अलावा जो भी कीमती चीजें मिलती हैं वे सरकारी खजाने में जाती हैं अगर कोई दावा नहीं हुआ और कोर्ट में पुष्टि नहीं हुई तो। अब आप पूछेंगे कि जब्त की गई शराब का क्या होता है तो देखिए अगर इसके कागज नहीं मिले और यह अवैध साबित हुआ तो फिर चुनाव बाद उसे किसी भारी वाहन से कुचलकर नष्ट कर दिया जाता है.

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