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मैं पैर नहीं छूता था इसलिए टीम में नहीं चुना जाता था, चयनकर्ताओं पर गौतम गंभीर का आरोप

अभी कुछ दिन पहले तक यह चर्चा तेज थी कि देश के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर गौतम गंभीर को टीम इंडिया का नया कोच बनाया जा सकता है। लेकिन अब गंभीर ने ऐसा बयान दे दिया है जिससे चयनकर्ताओं को दिक्कत हो सकती है। बेबाक राय रखने के लिए जाने जाने वाले गंभीर ने दो टूक कहा है कि उन्हें टीम में इसलिए नहीं चुना जाता था क्योंकि वे चयनकर्ताओं को पैर नहीं छूते थे। गंभीर के इस बयान के बाद क्रिकेट की दुनिया में बवाल मचा हुआ है। क्या है पूरा मामला, गंभीर ने क्या-क्या खुलासे किए हैं चलिए विस्तार से बताते हैं।

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आप सबको मालूम है कि इस बार आईपीएल 2024 में गौतम गंभीर के मार्गदर्शन में उनकी टीम कोलकाता नाइटराइडर्स लगातार अच्छा कर रही है। यह टीम लीग स्टेज में टॉप पर रही और चौथा फाइनल खेलने से सिर्फ एक जीत दूर है। गौतम गंभीर जब कप्तान थे तब उन्होंने 2012 और 2014 में अपनी अगुवाई में केकेआर को चैंपियन बनाया था। आईपीएल के अलावा गंभीर ने भारत को 2007 टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जिताने में भी अहम भूमिका निभाई थी।

यही वजह है कि अब जबकि राहुल द्रविड़ टी 20 वर्ल्ड कप के बाद भारतीय टीम के कोच पद से हटने वाले हैं, नए कोच के रूप में गंभीर को देखा जा रहा था लेकिन अब उनका यह बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने चयनकर्ताओं पर ही सवाल उठा दिए हैं। हाल ही में रविचंद्रन अश्विन के साथ एक चैट शो में गौतम गंभीर ने अपने करियर के शुरुआती दिनों को लेकर कई अहम खुलासे किए।

गंभीर ने कहा, जब मैं बड़ा हो रहा था, शायद 12 या 13 साल का था तब पहली बार अंडर-14 टूर्नामेंट के लिए प्रयास किया तो मेरा चयन नहीं हुआ क्योंकि मैंने चयनकर्ता के पैर नहीं छुए थे। तब से मैंने खुद से वादा किया कि कभी किसी के पैर नहीं छूऊंगा और मैं किसी को अपने पैर छूने नहीं देता।’

गंभीर ने आगे कहा, मुझे याद है, अपने करियर में जब भी मैं असफल हुआ, चाहे वह अंडर-16, अंडर-19, रणजी ट्रॉफी हो या अंतरराष्ट्रीय करियर..लोग कहते थे कि आप एक संपन्न परिवार से आते हैं, आपको क्रिकेट खेलने की जरूरत नहीं है। आपके पास बहुत सारे विकल्प हैं, आप अपने पिता के व्यवसाय में शामिल हो सकते हैं। यह सबसे बड़ी धारणा थी जो मेरे सिर पर लटकी हुई थी। लोगों को यह एहसास नहीं था कि मैं उस धारणा को हराना चाहता था इसलिए जब मैं ऐसा करने में सक्षम हुआ तो कोई अन्य धारणा मुझे कभी परेशान नहीं करती। मेरे लिए अपने जीवन में सबसे कठिन धारणा यह थी कि मैं इसे इतना कठिन नहीं चाहता था, मैं इसे उनमें से किसी से भी अधिक कठिन चाहता था।”

गौतम गंभीर हमेशा ही बेबाक राय रखते हैं। लेकिन यह भी सही है कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाया है। यही वजह है कि नए कोच के रूप में बीसीसीआई गंभीर पर भी नजर रख रही है। हालांकि अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बयान को किस तरीके से लिया जाता है हालांकि ये उनके बचपन की बात है। लेकिन चयनकर्ताओं को यह बयान असहज तो जरूर कर जाएगा। आपको क्या लगता है गौतम गंभीर को भारतीय टीम का कोच होना चाहिए या नहीं कमेंट करें।

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