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भयावह रिपोर्ट: देश में छात्रों की आत्महत्या की दर जनसंख्या वृद्धि दर से ज्यादा, क्या है वजह

अपने देश में छात्रों की आत्महत्या को लेकर एक बहुत ही भयावह रिपोर्ट सामने आई है। यह आंकड़े देखकर आप अंदर तक हिल जाएंगे। हर माता-पिता और हर स्टूडेंट के लिए यह बेहद जरूरी वीडियो है। सिर्फ वीडियो ही नहीं बल्कि इस रिपोर्ट पर अब देश में बहस की भी जरूरत है। देश का एक भी स्टूडेंट आत्महत्या करता है तो देश कितना पीछे चला जाता है और मां-बाप के ऊपर क्या गुजरता है, आज का यह रिपोर्ट आपको अंदर से सोचने पर मजबूर कर देगा। तो चलिए बताते हैं कि आखिर वो कौन सा रिपोर्ट आया है जिसने हर मां-बाप और स्टूडेंट को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर इस देश में ये क्यों हो रहा है?

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दरअसल, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो .यानी एनसीआरबी ने जो आंकड़े जारी किए हैं उसने सबके होश उड़ा दिए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में छात्रों की आत्महत्या की दर देश के जनसंख्या वृद्धि दर को भी पार कर गई है। सोचिए देश में जनसंख्या जितनी नहीं बढ़ रही उससे अधििक छात्र आत्महत्या कर रहे हैं। ये कितने भयावह आंकड़े हैं।

इस रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश वो राज्य हैं, जहां छात्र सबसे ज्यादा आत्महत्या करते हैं। यहां जितने छात्र आत्महत्या करते हैं वह देश में होने वाली कुल आत्महत्याओं का एक तिहाई है, जबकि इस लिस्ट में राजस्थान 10वें स्थान पर है, जहां कोटा जैसे कोचिंग संस्थानों का वो हब है जहां दबाव में बड़ी संख्या में छात्र आत्महत्या कर रहे हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि जहां आत्महत्या की घटनाओं की संख्या में प्रतिवर्ष दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं छात्र आत्महत्या के मामलों में चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह आंकड़ा तब है जबकि यह माना गया है कि छात्र आत्महत्या के मामलों की कम रिपोर्टिंग होने की संभावना है। पिछले दशक में 0-24 वर्ष की आयु के बच्चों की जनसंख्या 58.2 करोड़ से घटकर 58.1 करोड़ हो गई, जबकि छात्र आत्महत्याओं की संख्या 6,654 से बढ़कर 13,044 हो गई।

2022 में कुल छात्र आत्महत्या के मामलों में 53 प्रतिशत पुरुष छात्रों ने खुदकुशी की। 2021 और 2022 के बीच, छात्रों की आत्महत्या में छह प्रतिशत की कमी आई जबकि छात्राओं की आत्महत्या में सात प्रतिशत की वृद्धि हुई। रिपोर्ट के अनुसार पिछले दशक में छात्र आत्महत्याओं में 50 और छात्राओं में 61 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

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