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क्या हिजबुल्लाह संगठन को कई साल से साफ करने की साजिश कर रहा था इस्राइल?

बीते 17 सितंबर को लेबनान में हुए पेज़र धमाकों में 12 लोगों की मौत हो गई और करीब 3000 लोग घायल हो गए थे। हिजबुल्लाह संगठन ने इसका ज़िम्मेदार इस्राइल को बताया है। वहीं अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए (CIA) ने भी खुलासा किया है कि इन पेज़र धमाकों में इस्राइल का हाथ था। और इस्राइल 15 साल से इसकी तैयारी कर रहा था।

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निजी चैनल की एक न्यूज़ रिपोर्ट में बताया गया कि,अमेरिका खुफिया एजेंसी CIA के मुताबिक,लेबनान में पेज़र और वॉकी-टॉकी बेचने वाली कंपनी भी इस धमाके में शामिल है। इस्राइल के खुफिया एजेंसी ने प्लानिंग के मुताबिक एक ऐसी कंपनी बनाई जो पेज़र और वॉकी-टॉकी बनाती हो और उसको लेबनान में बेच सके। खबरों के मुताबिक इस्राइल इंटेलिजेंस ऑफिसर्स इस प्लान को आगे बढ़ा रहे थे और उन्होंने पेजर और वॉकी टॉकी में 25 से 50 ग्राम विस्फ़ोटक पदार्थ रखना शुरू कर दिया और उसे एक रिमोट से जोड़ दिया ताकि समय आने पर उससे विस्फोट किया जा सके। बता दें कि कंपनी के कुछ ख़ास सदस्य ही ये सब जानते थे और वही प्लान को आगे बढ़ा रहे थे।

क्या बोला हिजबुल्लाह चीफ ने?

दरअसल, हिजबुल्लाह कमांडर एंड चीफ ” हसन नसरल्लाह ”’ ने 19 सितंबर को अपने एक भाषण में कहा था कि इजराइल पेजर के जरिए 5 हजार हिजबुल्लाह सदस्यों को मारना चाहता था। उन्हें पहले से पता था कि हिजबुल्लाह के सदस्य इन डिवाइस का इस्तेमाल करते है। रिपोर्ट के मुताबिक, जिन पेजर में ब्लास्ट हुआ, हिजबुल्लाह ने उन्हें करीब 5 महीने पहले खरीदा था। उसी समय बातचीत के लिए वॉकी-टॉकी को भी खरीदा गया था, जिसमें 18 सितंबर को ब्लास्ट हुआ था। 19 सितंबर को अपने भाषण में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह ने कहा था कि संगठन के टॉप लीडर्स के पास पुराने पेजर्स मौजूद थे।

शुरआती रिपोर्ट में कहा गया कि,जिन पेजर और वॉकी-टॉकी में विस्फोट हुआ है। उससे हंगरी की कंपनी BAC कंसल्टिंग ने ताइवान की गोल्ड अपोलो के साथ मिलकर बनाया था इन्हीं दोनों कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट के तहत बनाया था। हालांकि हंगरी सरकार ने सीध-सीधे इस आरोप को गलत बताते हुए कहा कि इस तरह की कोई फैक्टरी हमारे देश में नहीं है।

ब्रिटिश न्यूज़ एजेंसी ने कहा 5 हज़ार पेजर में लगाया गया विस्फोटक पदार्थ

इससे पहले ब्रिटिश न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने हिजबुल्लाह के 5 हजार पेजर्स में विस्फोटक लगाए थे। ये पेजर्स कोड की मदद से ऑपरेट होते हैं। सूत्रों ने कहा था कि पेजर्स के अंदर जो विस्फोटक पदार्थ था,उसे किसी भी स्कैनर के जरिए भी इतनी असानी से नहीं देखा जा सकता था।

17 सितंबर को इन पेजर्स पर एक मैसेज के जरिये इनको एक्टिवेट करने का कोड भेजा गया। हमले में 12 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में हिजबुल्लाह के 8 सदस्य और 2 बच्चे शामिल थे। इस हमले में 3000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे, जिनमें लेबनान में मौजूद ईरान के राजदूत भी शामिल थे।

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