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चेन्नै का वह स्कूल जिसने दिया चेस का वर्ल्ड चैंपियन, यहां से निकले हैं कई ग्रैंडमास्टर

भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बन गए हैं। दुनियाभर में डी गुकेश की तारीफ हो रही है। इस बीच एक स्कूल की भी खूब तारीफ हो रही है, जिसने डी गुकेश जैसा देश को चैंपियन दिया है। डी गुकेश ही नहीं बल्कि इस स्कूल ने अब तक इस देश को कई ग्रैंडमास्टर दिए हैं। यह स्कूल चेन्नै का वेलाम्मल विद्यालय है, जहां इस समय जश्न का माहौल है।

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पूरे देश में शतरंज की क्रांति के पीछे वेलाम्मल संस्थानों का लंबा और  शानदार इतिहास है। वेल्लाम्मल स्कूल उभरते शतरंज खिलाड़ियों के सपनों को पंख दे रहा है। उन्हें शानदार प्रशिक्षण प्रदान कर शतरंज की दुनिया का बादशाह बना रहा है।

 

इस स्कूल के कोर्स में ही पढ़ाई के साथ-साथ शतरंज सीखाना भी शामिल है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पूर्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद खुद इस संस्थान में बच्चों को शतरंज की बिसात सिखाते हैं। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता द्वारा 2013 में इस संस्थान की शुरुआत की थी। उन्होंने जो सपना देखा था, आज वो साकार हो रहा है। वेलम्मल इंस्टीट्यूट के छात्र लगातार पांच साल तक विश्व स्कूल शतरंज चैंपियनशिप के विजेता रहे हैं।

 

अब तक निकले हैं ये ग्रैंडमास्टर

एसपी सेतुरमन, लियोन मेंडोंका, के प्रियदर्शन, बी अधिबन, विष्णु प्रसन्ना, विशाख एनआर, विग्नेश एनआर, एम कार्तिकेयन, सी अरविंद, कार्तिक वेंकटरमन, वी प्रणव, एस भरत, अर्जुन कल्याण, पी कार्तिकेयन, एन श्रीनाथ, जबकि महिला ग्रैंडमास्टर्स में वर्षिनी एस (वेलावन की बेटी), वैशाली आर (प्रज्ञानंद की बहन), आर रक्षित और बी सविता श्री शामिल हैं।

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