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मुख्तार की मौत का खौफ, सब्जी-दाल नहीं खा रहे कैदी, नमक-रोटी से चला रहे हैं काम

मुख्तार अंंसारी की मौत के बाद जेल के भीतर कैदियों में इस कदर डर समा गया है कि अब वे जेल के अंदर खाना खाने से भी कतरा रहे हैं। आलम ये है कि कैदी अब सब्जी और दाल से परहेज कर रहे हैं। सूखी रोटी नमक के साथ खा ले रहे हैं लेकिन दाल और सब्जी खाने से साफ इनकार कर रहे हैं। यह मामला जब से सामने आया है सोशल मीडिया पर अलग अलग तरह से लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। चलिए विस्तार से कैदियों के खौफ और इस खौफ के पीछे की वजहों के बारे में विस्तार से इस वीडियो में चर्चा करते हैं।

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मुख्तार की मौत के बाद वरिष्ठ जेल अधीक्षक को जान से मारने की धमकी के बाद बांदा जेल हाई अलर्ट पर है। लेकिन इस बीच जेल में अफसरों और पुलिस की लगातार आवाजाही से बंदी खौफ में है। सुबह-शाम जेल में पुलिस का फ्लैग मार्च और सख्ती से बंदी परेशान हैं।

पेशी पर अदालत आए बंदियों ने खुद इस बात का खुलासा किया कि जेल में सुबह शाम पुलिस का फ्लैग मार्च हो रहा है। बंदियों को बैरिक से कहीं जाने नहीं दिया जा रहा है। यहां तक कि एक बंदी को दूसरे बंदी से बात करने की भी इजाजत नहीं है। दिन भर अधिकारियों व पुलिस की आवाजाही से बंदियों में खौफ है। एक बंदी ने तो यहां तक बता दिया कि मुख्तार को जेल में खाने में जहर देने के आरोप से कई बड़े बंदी खाना खाने से परहेज कर रहे हैं।

इसमें कई बड़े गैंगस्टर और माफिया शामिल हैं। अब ये माफिया इतने खौफ में हैं कि कच्चा टमाटर और नमक डालकर रोटियां तो खा रहे हैंं लेकिन उसी टमाटर की सब्जी बन रही है तो उसे नहीं खा रहे हैं। दाल को तो ये बंदी छू ही नहीं रहे हैं। दाल देखते ही उसे हटा दे रहे हैं। बंदियों के पास जब खाना जा रहा है तो वे रोटी को पूरी तरह से छाड़ रहे हैं और फिर नमक मंगा कर बस उसी से खा ले रहे हैं। कुछ बंदी नमक और हरी मिर्च के साथ रोटी खा ले रहे हैं लेकिन सब्जी और दाल को कोई नहीं छू रहा है। यही नहीं खौफ के कारण तमाम बंदी न हंसते हैं और न ही टीवी देख रहे हैं। एक मातम सा पूरे जेल में पसरा है। बंदियों के चेहरे से मुस्कान गायब हो गई है।

पेशी पर आए बंदियों ने खुद बताया कि अब वे अखबार पढ़ने भी नहीं जाते हैं। जेल में एकाएक ऐसी शांति छा गई है मानों कोई है ही नहीं। हालांकि वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज का कहना है कि जेल में सब कुछ सामान्य है। खौफ जैसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने इस तरह के किसी भी खौफ से साफ इनकार किया है। साफ है कि मुख्तार अंसारी की मौत का कारण हार्ट अटैक जरूर बताया जा रहा है लेकिन परिवार के लोगों ने जहर देने का आरोप लगाया है। अब कैदियों की बात को मानें तो इसी डर से दूसरे कैदी अब खाना खाने से परहेज कर रहे हैं, खासकर दाल और सब्जी। हालांकि जेल प्रशासन ने इससे इनकार किया है। आपकी इस बारे में क्या राय है, कमेंट जरूर करें।

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