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कर्नाटक के बाद, मुंबई के कॉलेज में बुर्के और हिज़ाब पर बैन, Students ने किया जमकर हंगामा..!

हिज़ाब बैन (Hijab Ban) का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच कर्नाटक के बाद अब मुंबई में बुर्का और हिज़ाब को लेकर जमकर हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल, मुंबई के चेम्बूर में स्थित एनजी आचार्य एंड मराठे स्कूल और कॉलेज बीते दो दिनों से सुर्खियों में छाया हुआ है। इस स्कूल में बुर्के और हिजाब के साथ एंट्री को लेकर मुद्दा बन गया है। स्कूल प्रशासन ने बुरका-हिजाब के साथ बच्चियों को स्कूल में एंट्री से रोक दिया। जिसके बाद बच्चियां और उनके अभिभावक भी नाराज़ होते हुए दिखाई दिए। ऐसे में हंगामा बढ़ता देख स्कूल के बाहर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्कूल आज भी छावनी में तब्दील हो गया है। मामले में बच्चों की स्कूल में एंट्री से पहले चेकिंग चल रही है।

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प्रिंसिपल विद्यागौरी ने दिए निर्देश

जानकारी के मुताबिक, स्कूल प्रिंसिपल विद्यागौरी लेले ने कहा है कि, नई शिक्षा नीति के तहत 11वीं और 12वीं क्लास जूनियर कॉलेज नहीं बल्कि अब स्कूल है और जैसे स्कूल के बच्चों के लिए यूनिफॉर्म है, वही बच्चों को पहनने को कहा गया है। स्कूल में सभी बच्चे एक जैसे लगे इसीलिए यूनिफॉर्म बनाया गया है।

इसके लिए बाकायदा 6 लोगों की कमेटी बनाई गई थी, जिसने नई यूनिफॉर्म का निर्णय लिया। प्रिंसिपल विद्यागौरी ने आगे बताया कि, यह यूनिफार्म नियम सिर्फ 11 और 12वीं क्लास के बच्चों के लिए है, जिनमें बहुत कम बच्चे ही है जो ऑब्जेक्शन कर रहे है, इसलिए 8 अगस्त तक हमने ऐसे बच्चों और उनके अभिभावकों को समय दिया है कि, वह स्कूल के यूनिफॉर्म नियम को मानें।

बच्चों को यूनिफॉर्म नियम मानना होगा

विदित हो कि, स्कूल की प्रिंसिपल विद्यागौरी ने साफ कह दिया है कि, स्कूल के अंदर हर बच्चे को यूनिफॉर्म नियम मानना होगा। हालांकि, स्कूल की तरफ से मुस्लिम बच्चियों को स्कूल में अंदर हिजाब और बुरका पहनकर आने की इजाज़त दे दी गई है, लेकिन ऐसी बच्चियों को वॉशरूम में जाकर बुर्का और हिजाब उतारकर बाकी बच्चों की तरह ही कैम्पस में रहना होगा। ऐसे में उसमे दुपट्टा लेने की भी इजाज़त नहीं है।

पैरेंट मीटिंग में क्यों नहीं हुई बुर्के पर चर्चा

सूत्रों के मुताबिक, ये भी आरोप है कि, 1 मई की पीटीए मीटिंग में भी स्कूल में बिना बुर्का या हिजाब के आने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी। इन बच्चियों ने साफ कर दिया कि, वह बिना हिजाब या दुपट्टे के अगर स्कूल में उन्हें पढ़ने के लिए दबाव दिया जाता है, तो वह स्कूल छोड़ देंगी। स्कूल प्रशासन और बच्चों के बीच हिजाब और बुर्के को लेकर विवाद पर दिख रहे रुख को देख लगता नहीं की जल्द विवाद सुलझेगा। हालांकि, इस मामले में 8 अगस्त तक तस्वीरें साफ़ हो पाएंगी।

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