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CAA कानून का विरोध क्यों कर रहे ओवैसी, सुप्रीम कोर्ट में क्या लगाई गुहार !

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने आज यानी 16 मार्च को CAA (नागरिकता संशोधन कानून) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने याचिका में CAA पर रोक लगाने की मांग की है। वहीं IUML ( इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग) ने भी CAA के विरोध में याचिका दायर की है। आपको बता दें कि 11 मार्च को भारत सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर देशभर में CAA कानून लागू कर दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट CAA के खिलाफ 200 से ज्यादा याचिकाएं दायर
असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में मांग की है कि सरकार CAA कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को CAA की धारा 6बी के तहत नागरिकता न दे। दायर याचिकाओं में CAA कानून को भारतीय संविधान के खिलाफ और भेदभावपूर्ण बताया गया है। सुप्रीम कोर्ट में CAA कानून के विरोध में अब तक 200 से ज्यादा याचिकाएं दायर हुई हैं। इस कानून को साल 2019 में ही संसद से मंजूरी मिल गई थी ,लेकिन उसके बाद से ही इस कानून का लगातार विरोध हो रहा है।

 

सीएए कानून का विरोध क्यों ?
इस कानून के तहत पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर भारत आने वाले शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। दरअसल इस कानून के तहत हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारत सरकार नागरिकता देगी ,लेकिन इस कानून में मुस्लिम समुदाय को बाहर रखा गया है। यही कारण से इस कानून का देशभर में विरोध हो रहा है। विरोध करने वाले लोगों का कहना कि इसमें धर्म के आधार पर पक्षपात किया जा रहा है ,जो भारतीय संविधान के खिलाफ है, जबकि सरकार का कहना ये है कि इस कानून के तहत किसी की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी। सरकार ने साफ कहा कि ये कानून वापस नहीं होने वाला।

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