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प्रतापगढ़ में किंग ही बनेगा किंग मेकर, ठाकुर और ब्राह्मण समुदाय का रहा है दबदबा !

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के छठे चरण की 14 लोकसभा सीटों पर 25 मई को मतदान होगा. आज यानी 23 मई की शाम 6 बजे से छठे चरण के लिए चुनाव प्रचार-प्रसार संबंधी समस्त गतिविधियों और अभियानों पर प्रतिबंध लग जाएगा। चुनाव प्रचार की अवधि समाप्त होने के बाद इन निर्वाचन क्षेत्रों में सभी राजनीतिक दलों के बाहरी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की मौजूदगी प्रतिबंधित रहेगी। वहीं, प्रचार -प्रसार के आखिरी दिन सपा मुखिया अखिलेश यादव की प्रतापगढ़ में एक बड़ी जनसभा होने वाली है। इस जनसभा को सफल बनाने के लिए सपा -कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अलावा जनसत्ता दल के कार्यकर्ता भी जुटे हुए हैं.

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जनसत्ता दल के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने हाल ही में लोकसभा चुनाव में न्यूट्रल रहने का फैसला लिया था. राजा भैया ने अपने समर्थकों से कहा था कि वो अपने आत्मा से जिसे चाहे वोट करें। लेकिन अब राजा भैया की पार्टी के समर्थक बीजेपी के बजाय इंडिया गठबंधन (सपा) प्रत्याशियों के साथ ज्यादा नजर आ रहे हैं। इसकी बानगी बीते दिनों कुंडा में भी देखने को मिली जब कौशांबी से सपा उम्मीदवार पुष्पेंद्र सरोज के समर्थन में जनसत्ता दल के सैकड़ों कार्यकर्ता उमड़ पड़े थे. वहीं सर्मथकों ने ‘राजा भैया-अखिलेश यादव जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए थे ।

 

कौशांबी के बाद प्रतापगढ़ में राजा भैया के सर्मथक देंगे सपा का साथ
दरअसल, कौशांबी लोकस चुनाव खत्म होने के बाद अब राजा भैया की पार्टी जनसत्ता के कार्यकता व सर्मथक प्रतापगढ़ लोकसभा की तरफ कूच कर लिए हैं। आज प्रतापगढ़ के जीआईसी मैदान में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा है. अखिलेश प्रतापगढ़ से सपा प्रत्याशी एसपी सिंह पटेल के लिए जुटाएंगे. ऐसे में अखिलेश का साथ देने के लिए राजा भैया के सर्मथकों ने भी कमर कस ली है। अखिलेश की जनसभा में पांच हजार से ज्यादा लोगों को लेकर जाने का लक्ष्य है. जनसत्ता दल के कार्यकर्ताओं के इस कदम से बीजेपी की टेंशन बढ़ सकती है. क्योंकि, राजा भैया का इस क्षेत्र में खासा प्रभाव है. उनके साथ नहीं होने से वोटों के नुकसान की संभावना है ।

 

ठाकुर और ब्राह्मण समुदाय का रहा कब्जा
प्रतापगढ़ की सियासत पर अगर बात की जाए तो राजघरानों और सवर्ण समुदाय के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है. प्रतापगढ़ की सीट यदि राजघरानों से बाहर गई तो ठाकुर और ब्राह्मण समुदाय का ही कब्जा रहा. यहां की राजनीति में सिर्फ दो बार गैर सवर्ण यहां से सांसद बन सका. प्रतापगढ़ सीट पर अब तक हुए 16 चुनावों में 11 बार राजघरानों का ही कब्जा रहा और सबसे ज्यादा सांसद ठाकुर समाज से हुए हैं, लेकिन पहली बार है जब न कोई राज परिवार से चुनाव लड़ रहा और न ही कोई ठाकुर समाज से मैदान में है. इस तरह से प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर पहली बार ‘किंग’ किंग मेकर की भूमिका में नजर आ रहे हैं। प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद संगम लाल गुप्ता को मैदान में उतारा है। संगम लाल गुप्ता का मुकाबला समाजवादी पार्टी के एसपी सिंह पटेल और बसपा प्रत्याशी प्रथमेश मिश्रा से है. बीजेपी को अपना दल (एस) का समर्थन है, तो सपा का कांग्रेस के साथ गठबंधन है. बसपा अकेले चुनावी मैदान में है. प्रतापगढ़ में अहम भूमिका रखने वाले जनसत्ता दल के प्रमुख रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का कोई भी उम्मीदवार मैदान में नहीं है ।

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