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हाजी मस्तान से लेकर दाऊद तक…फिर दो दशकों की खामोशी और अब लॉरेंस बिश्नोई…मुंबई में फिर लौटा अंडरवर्ल्ड?

बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग देशभर में चर्चा में है. लॉरेंस गैंग की तुलना अब अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद की डी कंपनी से हो रही है. यहां तक की भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भी स्वीकार किया है कि लॉरेंस ने दाऊद इब्राहिम की ‘D कंपनी’ की तरह बिश्नोई गैंग को पूरे देश में खड़ा कर लिया है। तो क्या यह माना जाए कि अब भारत का अंडरवर्ल्ड मुंबई से दिल्ली शिफ्ट हो गया है और इसका सबसे बड़ा डॉन लॉरेंस बिश्नोई है। मुंबई में पिछले दो दशकों की खामोशी के बाद इस नए गैंग की एंट्री ने सरकार से लेकर प्रशासन तक की टेंशन बढ़ा दी है। अंडरवर्ल्ड की दुनिया में इस नए नाम की दहशत हर तरफ दिखने लगी है। तो क्या यह माना जाए कि मुंबई और बॉलीवुड में कहर बरपाने के लिए एक बार फिर अंडरवर्ल्ड का खौफ लौट आया है। कब कब अंडरवर्ल्ड ने मुंबई में दहशत फैलाई चलिए शुरू से बताते हैं आपको।

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एक समय मुंबई में हाजी मस्तान गैंग की तूती बोलती थी. हाजी को मुंबई के अंडरवर्ल्ड का पहला डॉन माना जाता है. साल 1950 से 1970 तक इस गैंग का मुंबई में इस गैंग का सबसे ज्यादा दबदबा था। कहा जाता है कि खुद दाऊद इब्राहिम भी इसी गैंग से निकला था। हाजी मस्तान अपने समय के सबसे अमीर और ताकतवर स्मगलरों में से एक रहा और उसका राजनीति में भी प्रभाव जबरदस्त रहा। उसके बाद मुंबई अंडरवर्ल्ड की दुनिया में एक नाम आया करीम लाला का। ये अफगान पठान था जो भारत आया और मुंबई में अंडरवर्ल्ड की दुनिया में एंट्री की. करीब 30 साल तक अंडरवर्ल्ड पर राज किया. करीम लाला 1940-50 के दशक में मुंबई पर करीम लाला ने राज किया।

 

दो दशक तक शांत था मुंबई

इसके बाद अंडरवर्ल्ड की दुनिया में दाऊद इब्राहिम की एंट्री हुई। दाऊद सबसे बड़ा डॉन बनकर उभरा। उसने अपना साम्राज्य मुंबई से लेकर दुबई सहित दुनिया के कई देशों में फैलाया। क्रिकेट से लेकर बॉलीवुड तक राज किया। वो पहले करीम लाला के गिरोह में शामिल हुआ. लेकिन कुछ समय बाद ही अपना अलग नेटवर्क बना लिया. 1980 के दशक में उसका गैंग सक्रिय हो गया, जिसे ‘डी कंपनी’ के नाम से जाना गया। 1993 में मुंबई में सीरियल ब्लास्ट हुए, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई. इसमें दाऊद इब्राहिम का नाम सामने आया, जिसके बाद वो दुबई भाग गया. इसके बाद से करीब दो दशक तक मुंबई में शांति रही लेकिन अब उस शांति को एक बार फिर भंग करने के लिए एक नए ग्रुप ने एंट्री मारी है लेकिन यह ग्रुप मुंबई से नहीं बल्कि दिल्ली के आसपास से संचालित हो रहा है। इस ग्रुप का नाम है बिश्नोई गैंग और इसका सरगना है लॉरेंस बिश्नोई।

 

अंडरवर्ल्ड की दहशत एक बार फिर

उत्तर भारत में दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में खौफ कायम करने के बाद बाबा सिद्दीकी की हत्या करके बिश्नोई गैंग ने जिस तरह की दहशत कायम की है, वैसी दहशत 70-80 के दशक में अंडरवर्ल्ड की ही रही है। इसीलिए अब एनआईए भी मान रहा है कि लॉरेंस गैंग ने डी कंपनी की तरह खुद को खड़ा कर लिया है।

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