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Byjus Crisis: जिसने बनाई अरबों की कंपनी, आज उसी को निकालने की हो गई तैयारी, बर्बादी की कगार पर बायजूस

बायजूज का संकट अब और बढ़ गया है। आप इस कंपनी की बर्बादी का अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगा सकते हैं कि जिस शख्स ने इसकी शुरुआत की और अरबों डॉलर की कंपनी बनाकर इसे एक बुलंदी दी आज उसी शख्स को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी हो रही है। यह शख्स कोई और नहीं कंपनी सीईओ बायजू रविंद्रन हैं। आखिर क्यों ऐसी स्थिति आई कि खुद सीईओ को कंपनी से बाहर का रास्ता दियाखा जा रहा है। आखिर कैसे इतने बड़े संकट में फंंस गई ये कंपनी, चलिए आज इसकी पूरी जानकारी आपको देते हैं।

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देखिए बायजूज का संकट इस कदर बढ़ गया है कि शुक्रवार को कंपनी के शेयरहोल्डर्स ने मिस-मैनेजमेंट और फेलियर्स को लेकर एक बैठक बुलाई। इसमें खास बात ये रही कि General Atlantic और Peak XV जैसे कंपनी के बड़े शेयरहहोल्डर्स ने इसी बैठक में कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन और उनके परिवार के सदस्यों को बाहर निकलने का प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी।

एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि इस आम बैठक में, शेयरधारकों ने सर्वसम्मति से इसे पारित कर दिया. इनमें BYJU’s में विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए फाउंडर बायजू रवींद्रन को सीईओ पद से हटाने सहित प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. कंपनी के प्रमुख निवेशकों ने ही यह बैठक बुलाई थी, उन्होंने कंपनी के निदेशक मंडल को बदलने और बैजू रवींद्रन की पत्नी और कंपनी की सह-संस्थापक दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई ऋजु रवींद्रन को बोर्ड से हटाने के प्रस्ताव को भी पारित कर दिया. खास बात ये रही कि इसें रवींद्रन या उनके परिवार का कोई भी सदस्य शामिल नहीं था।

Byju’s की इस बैठक में कंपनी के 60 फीसदी से ज्यादा का शेयर रखने वाले सभी शेयरहोल्डर्स ने कंपनी के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों को कंपनी से अब पूरी तरह से हटाने के प्रस्ताव पारित कर दिया है। कंपनी का मूल्यांकन भी 22 अरब डॉलर से घटाकर अब 5.1 अरब डॉलर हो गया है।

आप सबको बता दें कि बायजूस की स्थापना 2011 में बायजू रवींद्रन और उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ ने ही की थी. कुछ ही दिनों  बाद बायजूस एक लर्निंग ऐप के तौर पर पूराी दुनिया में मशहूर हो गई थी। कोरोना के समय इसने रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन किया लेकिन आज स्थिति ये आ गई है कि खुद रवींद्रन और उनकी पत्नी के लिए ही अब कंपनी में कोई जगह नहीं बची है।

रवींद्रन की बात केरं तो उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उन्होंने 2006 में छात्रों को गणित की कोचिंग देना शुरू किया था। साल 2015 में Byju’s लर्निंग ऐप लॉन्च किया और यह स्टार्टअप अगले 4 साल में यूनिकॉर्न हो गया. सबसे बड़ी उछाल कोरोना काल में इसे मिला जब स्कूल और कोचिंग बंद हुए लेकिन जैसे ही स्कूल और कॉलेज दोबारा खुले कंपनी की हालत खराब होती गई और आज कंपनी बर्बादी के कगार पर खड़ी है और खुद इसे बनाने वाले अब कंपनी से बाहर होने जा रहे हैं।

आप यह भी जान लें कि बायजू कंपनी पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप लगा हुआ है। इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है। ईडी ने बायजूस पर 9,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाते हुए कंपनी के सीईओ के तौर पर रवींद्रन के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर रखा है। वहीं उनके देश छोड़कर जाने पर भी रोक लगा रखी है।

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