Hindi English Marathi Gujarati Punjabi Urdu
Hindi English Marathi Gujarati Punjabi Urdu

क्या जलवायु परिवर्तन बन रहा है पृथ्वी की धुरी में बदलाव का कारण

ज़मीन से लगातार बड़ी मात्रा में निकला जा रहा पानी, जलवायु परिवर्तन बन रहा पृथ्वी की घूर्णन धुरी में बदलाव का कारण।

दुनियाभर में जिस तरह जलवायु में परिवर्तन आ रहा है और लगातार तापमान में वृद्धि हो रही है उसका असर पृथ्वी की धुरी पर भी पड़ रहा है। इस सम्बन्ध में किये गए शोध से पता चलता है कि 1990 के बाद से यह बदलाव सामने आने लगे थे। वैज्ञानिकों के अनुसार इसका कारण प्राकृतिक के साथ-साथ मानव जनित भी है। वैज्ञानिक पहले इसके लिए केवल प्राकृतिक कारकों जैसे महासागरीय धाराओं और पृथ्वी के भीतर गर्म चट्टानों और उनके पिघलने को ही कारण मानते थे।एक नए अध्ययन के अनुसार, पीने और सिंचाई के पानी के लिए भूजल के अत्यधिक दोहन ने पृथ्वी की घूर्णन धुरी को बदल दिया है।

- Advertisement -

 

 

 

पृथ्वी की गति में दर्ज की गयी 17 गुना ज्यादा तेज़ी

अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक़ वर्ष 1993 से लेकर वर्ष 2010 के बीच मनुष्यों द्वारा धरती से करीब 2150 गीगाटन भूजल निकाला गया है। शोध के अनुसार इसी कारण पृथ्वी की धुरी प्रतिवर्ष 4.35 सेमी की दर से पूर्व की ओर खिसक गयी है। हालांकि पृथ्वी की धुरी में यह जो परिवर्तन आया है वो उतना बड़ा नहीं है कि जिसका असर हमारे दैनिक जीवन पर पड़े। इसका असर दिन की अवधि पर कुछ मिलीसेकेंड ही पड़ता है। अमेरिका जर्नल जियोफिजिकल यूनियन के जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में छपे शोध के अनुसार पृथ्वी की गति में भी बदलाव देखा जा रहा है। वर्ष 1981 से 1995 की तुलना में वर्ष 1995 से वर्ष 2020 के बीच पृथ्वी की गति में 17 गुना ज्यादा तेज़ी दर्ज की गयी है। शोध के मुताबिक, 1990 के दशक से लगातार वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, जिसके कारण ग्लेशियरों के पिघलने से पृथ्वी का अक्षीय घूर्णन सामान्य से अधिक गति कर रहा है।

 

 

 

 

बढ़ते तापमान और पिघलते ग्लेसियर से बढ़ रहा समुद्र स्तर

गौरतलब हो कि पृथ्वी की धुरी में बदलाव इतना बड़ा नहीं कि इसका परिणाम वास्तविक जीवन में देखा जा सके। अध्ययन से पता चलता है कि मनुष्यों द्वारा इतना पानी निकला जा रहा है कि इसी पृथ्वी की धुरी प्रभावित हो रही है। कृषि, फैक्ट्री, मीठे पानी की खोज आदि अन्य कारणों से धरती के अंदर से निकाला जा रहा ये पानी अंततः समुद्र में जा मिलता है। इसके अलावा बढ़ते तापमान के चलते लगातार पिघलते ग्लेसियर समुद्र के स्तर में वृद्धि में योगदान देते हैं। पृथ्वी की धुरी, पृथ्वी से होकर गुजरने वाली एक काल्पनिक रेखा है जो उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव तक फैली हुई है। पृथ्वी की धुरी सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा के तल से 23.5 डिग्री झुकी हुई है लेकिन यह झुकाव बदलता रहता है। लगभग 40,000 वर्षों के औसत चक्र के दौरान, धुरी का झुकाव 22.1 और 24.5 डिग्री के बीच बदलता रहता है। जैसे-जैसे ग्रह पर और ग्रह पर द्रव्यमान वितरण में बदलाव आता है, ध्रुव और धुरी स्वाभाविक रूप से बदलते रहते हैं। इस घटना को ” ध्रुवीय गति ” के रूप में जाना जाता है। ध्रुवीय गति के लिए कई प्राकृतिक कारण भी जिम्मेदार हैं जैसे समुद्री धाराएँ और यहाँ तक कि तूफान भी।

 

 

समय-समय पर विशेषज्ञों के द्वारा पृथ्वी के नीचे से निकाले जा रहे पानी के सम्बन्ध में चेतावनी जारी की जाती रही है। जमीन के नीचे से लगातार पानी निकाले जाने से जमीन के अंदर चट्टानें अपनी जगह से खिसक सकती है जो प्राकृतिक आपदा का कारण बन सकती है इसके अलावा घरों तथा बुनियादी ढाचों को भी नुकसान पहुंच सकता है।

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

The specified carousel is trashed.

इसे भी पढे ----

वोट जरूर करें

क्या आपको लगता है कि बॉलीवुड ड्रग्स केस में और भी कई बड़े सितारों के नाम सामने आएंगे?

View Results

Loading ... Loading ...

आज का राशिफल देखें