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चीन ने अरुणांचल प्रदेश को बताया अपना हिस्सा, पीएम मोदी दें इस्तीफा- सुब्रमण्यम स्वामी !

चीन ने सोमवार को आधिकारिक तौर पर अपने ‘स्टैंडर्ड मैप’ के 2023 संस्करण को जारी किया है। इसमें अरुणांचल प्रदेश और अक्साई चिन क्षेत्र को एक बार फिर चीन का हिस्सा बताया गया है। इसके अलावा ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर पर उसके दावों सहित अन्य विवादित क्षेत्रों को शामिल किया गया है। ऐसा उसने दिल्ली में होने वाले G-20 सम्मलेन से ठीक पहले किया है। इस नए नक्शे को चीन के सरकारी समाचार पत्र ने एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर पोस्ट किया है। स्टैंडर्ड मैप सर्विस की वेबसाइट पर भी नया मैप लॉन्च किया गया है। जिसको चीन की नेचुरल रिर्सोसेस मिनिस्ट्री की ओर से होस्ट किया जाता है।

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चीन ने ‘स्टैंडर्ड मैप’ के 2023 संस्करण को जारी किया।

नया मैप चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की सीमाओं की ड्रॉइंग पद्धति के आधार पर तैयार किया गया है। इस नक्शे को दैनिक ग्लोबल टाइम्स ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया है। जिसमें लिखा गया है कि चीन का 2023 का ‘स्टैंडर्ड मैप’ सोमवार को जारी हुआ है। ये मैप प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय की वेबसाइट पर लॉन्च किया गया है। ये नक्शा चीन और दुनिया के दूसरे देशों के ड्रॉइंग मैथड के आधार पर तैयार किया गया है। चीन के इस दावे के बाद से ही देश में कई नेताओं की इस पर टिप्पड़ी सामने आयी है। विपक्षी नेताओं ने इस मामले में केंद्र सरकार को सीमा विवादों और उनके दावों को लेकर आड़े हाथ लिया है।

प्रधानमंत्री मोदी दें इस्तीफा- बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी। 

इसपर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने तंज़ भऱी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, ”मोदी से कहिये कि अगर वो भारत माता की रक्षा किसी मजबूरी के चलते नहीं कर सकते। तो कम से कम अपने पद से इस्तीफा दे दें। और मार्गदर्शक मंडल में जाइये। झूठ से हिन्दुस्तान की रक्षा नहीं की जा सकती। भारत एक और नेहरू नहीं झेल पायेगा।” जिसे लेकर अलग-अलग नेताओं की लगातार प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

राहुल गांधी का दावा सही- संजय राउत। 

वहीं इसे लेकर सांसद संजय राउत ने कहा, राहुल गांधी ने हाल में लद्दाख के पैंगोंग घाटी में चीन ने घुसपैठ का दावा किया था। मतलब राहुल ने लद्दाख दौरे पर चीन को लेकर जो बाते कहीं थीं, वो सही हैं। उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। जहां उन्होंने शी जिनपिंग को बधाई दी थी। उसके बाद चीन का ये नक्शा आता है। अगर केंद्र सरकार में हिम्मत है तो वह चीन पर सर्जिकल स्ट्राइक करे।

वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीन के दावे को बेतुका बताया। उन्होंने कहा कि ये चीन-भारत सीमा विवाद के इतिहास से मेल नहीं खाते। ऐसे में चीन का दावा बेतुका है। साथ ही उन्होंने कहा कि सितंबर में होने वाले G-20 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आ रहे हैं। ऐसे में सरकार को गंभीरता से आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्या जिनपिंग की मेजबानी करना भारत के स्वाभिमान के अनुरूप होगा।

कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी और जिनपिंग की हुई थी मुलाकात।

बता दें, ये नक्शा ऐसे वक्त में जारी किया गया, जब कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात हुई। यह मुलाकात दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स सम्मलेन के दौरान हुई। जिसमें दोनों देशों की सीमा विवाद पर भी चर्चा की गयी थी। इसके पहले भी अप्रैल 2023 में चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अरुणांचल प्रदेश के 11 स्थानों के नाम बदलने पर मंजूरी दी थी। चीन भारत के रुणाचल प्रदेश में 90 हज़ार वर्ग किलोमीटर ज़मीन पर अपना दावा करता है। चीन ने पश्चिम में अक्साई चिन के 38 हज़ार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अवैध रूप से क़ब्ज़ा कर रखा है।

 

 

 

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