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Cyber Cell Lucknow; साइबर सेल एसपी को गिरफ़्तार करने का आदेश !

Cyber Cell Lucknow; लखनऊ साइबर सेल के एसपी त्रिवेणी सिंह को मऊ कोर्ट ने गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया है। 20 वर्ष पूर्व के एक मामले में न्यायालय में उपस्थित नहीं होने की दशा में मऊ की विशेष न्यायालय ने कमिश्नरेट लखनऊ पुलिस ये आदेश जारी किया है।

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विशेष न्यायाधीश एससी, एसटी एक्ट हर्ष अग्रवाल ने सम्मन का तमिला होने के बावजूद साक्ष्य के लिए कोर्ट में उपस्थित न होने पर पुलिस अधीक्षक साइबर सेल लखनऊ, त्रिवेणी सिंह को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। साथ ही उनकी गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट के साथ ही धारा 350 सीआरपीसी के तहत नोटिस भेजा है। त्रिवेणी सिंह पर 3 हजार रुपये हर्जाना लगाते हुए उनके वेतन से काटकर न्यायालय में जमा करने का आदेश दिया। विशेष न्यायाधीश ने मामले में सुनवाई के लिए 20 जुलाई तय की गई है।

 

 

 

 

दरसल पुरा मामला जनपद मऊ के सरायलखंसी थाना क्षेत्र का है। मामले के अनुसार विशेष न्यायालय एससी एसटी कोर्ट में थाना सरायलखंसी का एक मुकदमा स्टेट बनाम प्रवीण आदि अपराध संख्या 437 /1999 धारा 323, 325, 427 ,440 भादवि व धारा 3(1) 10 एससी एसटी एक्ट विचाराधीन चल रहा है। इसमें मामले के विवेचक रहे तत्कालीन क्षेत्राधिकारी त्रिवेणी सिंह जो वर्तमान में पुलिस अधीक्षक साइबर सेल सिग्नेचर बिल्डिंग पुलिस मुख्यालय कमिश्नरेट लखनऊ में कार्यरत हैं, उनका साक्ष्य अंकित होना है। उन्हें न्यायालय से कई बार सम्मन भेजा गया, तामिला के बाद साक्ष्य के लिए त्रिवेणी सिंह कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। इसे गंभीरता से लेते हुए विशेष न्यायाधीश ने उनके विरुद्ध गैर जमानती अधिपत्र के साथ ही धारा 350 सीआरपीसी की नोटिस जारी की है। विशेष न्यायाधीश ने पुलिस कमिश्नर लखनऊ को आदेश दिया कि त्रिवेणी सिंह के वेतन से तीन हजार रुपये की कटौती कर न्यायालय में जमा करें।

 

 

 

 

विशेष न्यायाधीश ने अपने पत्र में लिखा कि मामला 20 वर्ष पुराना है, जिसका निस्तारण नहीं किया जा सका है। इसके लिए पूर्णरूपेण पुलिस विभाग और उपरोक्त साक्षी जिम्मेदार हैं। उन्होंने साक्षी त्रिवेणी सिंह के विरुद्ध गैर जमानती अधिपत्र के साथ ही धारा 350 सीआरपीसी की नोटिस पुलिस कमिश्नर लखनऊ को भेजा है। इसमें उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष 20 जुलाई को प्रस्तुत करने के निर्देश हैं। अगर साक्षी अग्रिम तय तिथि तक न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं होता है तो साक्ष्य का अवसर समाप्त कर दिया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस विभाग की होगी।

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