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फ्रांसीसी पर्यटक की मौत: एम्बुलेंस के लिए चिल्लाता रहा पति, अखिलेश बोले- देश की छवि तार-तार हो रही !

आगरा में महिला फ्रांसीसी पर्यटक एम्बुलेंस के इंतजार में तड़पती रही। उसका पति मदद के लिए चिल्लाता रहा। लेकिन जब तक एम्बुलेंस पहुंची बहुत देर हो चुकी थी। फतेहपुर सीकरी स्मारक में हुए इस हादसे ने सिस्टम की पोल खोल दी। फ्रांस की महिला एस्मा रेलिंग टूटने से सीधे चट्टान की फर्श पर जा गिरी। उसका पति चिल्लाता रहा- कॉल द एंबुलेंस। एस्मा करीब 35 मिनट तक तड़पती रही। वहीं उसका पति रोते हुए एम्बुलेंस की मांग करता रहा। लेकिन जब तक एम्बुलेंस पहुंची बहुत देर हो चुकी थी। घटना के बाद एएसआई और स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खडे़ हो रहे हैं। बड़ी बात ये है कि गोल्डन आवर में भी महिला को इलाज नहीं मिल सका।

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फ्रांसीसी महिला पर्यटक की मौत के बाद अधिकारी जांच और कार्रवाई की बात कह रहे हैं। एडीएम प्रोटोकॉल और सीएमओ जांच टीम के साथ मौके पर पहुंचे। वहीं इस घटना पर अखिलेश यादव ने इस घटना के बाद ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “इन खबरों से देश-प्रदेश की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तार-तार हो जाती है। प्रदेश सरकार कहां है?”

रेलिंग टूटने से 7 फुट नीचे गिरी पर्यटक।

दरअसल, फ्रांस का 20 सदस्यीय दल भारत पर्यटन के लिए आया। यह दल गुरुवार को जयपुर से फतेहपुर सीकरी स्मारक पहुंचा था। इस दल में महिला पर्यटक एस्मा अपने पति के साथ शामिल थी। दीवाने खास पर फोटोग्राफी करते समय एस्मा रेलिंग टूटने से नीचे गिर गयी। महिला पर्यटक एस्मा करीब 7 फुट नीचे पत्थर के फर्श पर जा गिरी। यह हादसा दोपहर करीब 1.15 बजे हुआ। हादसे में महिला के सर पर गंभीर चोट आयी थी। जिसके बाद महिला के पति समेत अन्य पर्यटक एम्बुलेंस के लिए मदद मांगने लगे।

फोन करने के करीब एक घंटे बाद पहुंची एम्बुलेंस।

इसके बाद किसी ने स्मारक में तैनात सुरक्षाकर्मी को हादसे की जानकारी दी। जब सुरक्षाकर्मी पहुंचे तो देखा कि महिला बेहोश पड़ी थी। उसके साथी उसके मुंह पर पानी डालकर होश में लाने की कोशिश कर रहे थे। सुरक्षाकर्मियों ने महिला को उठाने का प्रयास किया। लेकिन उनके साथियों ने मना कर दिया। पर्यटक बस कॉल द एम्बुलेंस- कॉल द एम्बुलेंस चिल्ला रहे थे। इसके बाद सुरक्षाकर्मी ने 108 पर कॉल कर एम्बुलेंस को बुलाया। जानकारी अनुसार, एम्बुलेंस फोन करने के करीब एक घंटे बाद एम्बुलेंस पहुंची। इस दौरान महिला एम्बुलेंस के इंतजार में तड़पती रही।

लोगों के अनुसार जो एम्बुलेंस भेजी गयी, उसमें कोई भी आकस्मिक सुविधा नहीं थी। जबकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जो एम्बुलेंस भेजी गयी, उसमे ऑक्सीजन व अन्य सुविधाएं उपलब्ध थीं। ये भी जानकारी मिली कि एम्बुलेंस को बिचपुरी से भेजा गया था। किरावली और फतेहपुर सीकरी में कोई एम्बुलेंस ही नहीं थी। ऐसे में एम्बुलेंस को आने में करीब एक घंटे का समय लगा। इस सब के बीच एम्बुलेंस और इलाज के इंतजार में पर्यटक तड़पती रही। एम्बुलेंस पर्यटक को लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंची थी। वहां से उसे दूसरी एम्बुलेंस से रेनबो हॉस्पीटल ले जाया गया था। रेनबो हॉस्पीटल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।

हादसे के बाद कई सवाल खड़े होते हैं।

रेलिंग पर हादसा हुआ वो लकड़ी की थी। बताया जा रहा है वो जर्जर अवस्था में थी, इसके बाद भी कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगा था। स्मारक में एएसआई के सुरक्षाकर्मी तैनात होने पर भी मौके पर कुछ क्यों नहीं किया गया। यहां तक समय से पुलिस को हादसे की जानकारी नहीं दी गयी। इसके अलावा पर्यटन स्थलों पर बड़ी संख्या में देश-विदेश से हर साल पर्यटक आते हैं। इसके बाद भी पर्यटकों के लिए इलाज के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। स्मारकों में कोई चिकित्सक नियुक्त नहीं है। न स्थायी रूप से एबुलेंस की व्यवस्था है। जिससे आकस्मिक हादसा होने पर समय से इलाज नहीं मिल पाता है।

 

 

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