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नाबालिग से रेप पर सजा-ए-मौत, जानिए Criminal Law में क्या-क्या हुए बदलाव.!!

केंद्र सरकार (Central government) ने भारतीय कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव पेश किया है। IPC 1860, CRPC 1898 और EVIDENCE ACT 1873 अंग्रेजों के जमाने के कानून थे। साल 2019 में ही इसको लेकर आमूलचूल परिवर्तन पर विचार शुरू हो गया था। बताया जा रहा है कि, 4 साल के मंथन के बाद ये प्रस्ताव पेश किया गया है। संसद के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन नए बिल पेश किए। नए बिल इंडियन पैनल कोड (IPC), कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर (CRPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता की जगह लेगी। वहीं, दंड प्रक्रिया संहिता की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लेगी। भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय साक्ष्य लेगा।

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जानिए नए बिल में क्या है और क्या बदल जाएगा?

  • राजद्रोह को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। शाह ने कहा-‘यह लोकतंत्र है, सभी को बोलने का अधिकार है।
  • मॉब लिंचिंग और नाबालिगों से रेप के मामलों में मौत की सजा देने तक का प्रावधान किया जाएगा।
  • दंड न्याय प्रणाली को पूरी तरह बदला जाएगा और सभी को अधिकतम 3 साल में न्याय दिलाने की सोच है।
  • किसी अपराध के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने से लेकर न्याय पाने तक पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी।
  • 7 साल या उससे अधिक कारावास की सजा वाले अपराध में फोरेंसिक दल का क्राइम सीन पर जाना जरूरी होगा।
  • देश के हर जिले में भविष्य में तीन चलित फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाएं (FSL) तैनात रहेंगी।
  • देश में अपराध कहीं भी हो, उसकी जीरो FIR कहीं से भी दर्ज की जा सकेगी।
  • संबंधित थाने को 15 दिन के अंदर शिकायत भेजी जाएगी।
  • यौन हिंसा के मामलों में पीड़ित का बयान और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी।
  • 7 साल या अधिक कारावास की सजा वाले अपराध के मामले में पीड़ित का पक्ष सुने बिना कोई सरकार मामले को वापस नहीं ले सकेगी।
  • अदालतों में मुकदमों में देरी रोकने के लिए तीन साल से कम कारावास के मामलों में समरी ट्रायल ही पर्याप्त होगी।
  • पुलिस को 90 दिन में आरोप पत्र दायर करना होगा। जांच अधिकतम 180 दिन में समाप्त करनी होगी।
  • सुनवाई के बाद अदालत को 30 दिन के अंदर फैसला सुनाना होगा। इसे एक हफ्ते के अंदर ऑनलाइन डालना होगा।
  • संगठित अपराध या अंतरराज्यीय गिरोहों के मामले में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है।
  • विवाह, रोजगार या पदोन्नति के बहाने अथवा पहचान छिपाकर महिलाओं से यौन संबंध बनाने को अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा।

 

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