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दिल्ली कोचिंग मौत मामले में नया खुलासा: हर विभाग की तरफ से हुई लापरवाही, सरकार भी कठघरे में

दिल्ली के राजेंद्रनगर में कोचिंग में तीन स्टूडेंट्स की हुई मौत के मामले में बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में यह बात सामने आई है कि किसी भी जिम्मेदार विभाग ने सही समय पर जरूरी कदम नहीं उठाया। इसकी नतीजा ये रहा कि कोचिंग संस्थान बिना किसी मानक के अवैध रूप से क्लासेज चलाता रहा और इस वजह से ये तीन जानें गई हैं। इस हादसे के लिए दिल्ली सरकार भी कम गुनहगार नहीं है। उसने भी समय रहते कोई ऐक्शन नहीं लिया और इस कारण से कोचिंग संस्थान मनमर्जी करते रहे।

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अभी भी इस मामले के बाद से जांच की फाइलें अलग-अलग विभागों में दौड़ाई जा रही हैं। लेकिन हर विभाग के अधिकारी एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ने की तैयारी में हैं। अब सोचिए सकते हैं कि देश की राजधानी दिल्ली में जब ये स्थिति है तो और जगहों की तो बात ही छोड़ दीजिए। कायदे से तो हर विभाग की जिम्मेदारी तय है लेकिन सभी अब तक सिर्फ कागजी खानपूर्ति करते रहे हैं। जब लोगों की जान चली जाती है फिर कार्रवाई के नाम पर कुछ दिनों तक जांचों का दौर चलता है लेकिन फिर वही पहले जैसी ही स्थिति हो जाती है और दोबारा लापरवाही शुरू हो जाती है।

कोचिंग संस्थान में तीन स्टूडेंट्स की मौत के मामले में भी यही हो रहा है। हर विभाग अपना पल्ला झाड़ने में जुटा है। अगर ऐसा नहीं होता तो हाल के दिनों में दिल्ली में कई बार पानी के बारिश में बिजली के तार गिरे होने और करंट लगने से कई लोगों की मौत हुई है। इस पर बिजली विभाग या जो भी जिम्मेदार विभाग है उसने समय रहते कार्रवाई की होती तो आज कोचिंग में ये जानें नहीं गई होतीं। बेसमेंट में कोई भी संस्थान नहीं चल सकता है, जब यह नियम है तो फिर दिल्ली में कुकुरमुत्तों की तरह जमे तमाम कोचिंग संस्थान अपनी लाइब्रेरी से लेकर क्लासेज तक बेसमेंट में कैसे चला रहे हैंं? आखिर इन पर कार्रवाई पहले क्यों नहीं हुई जब ये सालों से ऐसा कर रहे हैं। अब ये भी बात सामने आ रही है कि दर्जनों कोचिंग सेंटर अभी भी ऐसे ही चल रहे हैं जहां छात्रों की जान दांव पर लगी हुई है।

राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर की बात करें तो यहां इमारत का नक्शा पास था और बेसमेंट में स्टोर और पार्किंग की सिर्फ अनुमति थी। तो सवाल ये है कि यहां फिर पुस्तकालय कैसे चल रहा था? हादसे के बाद अग्निशमन विभाग ने एनओसी रद्द की है। उसके पहले क्या सभी विभाग वाले सो रहे थे? अब पुलिस विभाग की बात करते हैं। उनके पास कानून-व्यवस्था के अलावा अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने और उस पर कार्रवाई करने का भी अधिकार है। राजेंद्र नगर के इस कोचिंग सेंटर के पास ही पिंक पुलिस बूथ बना हुआ है। तो क्या यहां तैनात पुलिसकर्मियों को यह नहीं दिख रहा था कि अवैध तरीके से बेसमेंट में क्लासेज लग रही हैं? अगर समय रहते इसे बंद कराया गया होता तो आज यह हादसा नहीं होता।

अब सरकार की लापरवाही की बात करते हैं. हफ्तेभर पहले ही दिल्ली में एक छात्र और एक महिला की जलभराव के कारण करंट लगने से मौत हुई थी। फिर जलभराव से निपटने के लिए ठोस कदम सरकार की तरफ से क्यों नहीं उठाए गए? सिर्फ बैठके होती हैं काम के नाम पर कुछ नहीं होता है। ऐसे में साफ दिख रहा है कि हर विभाग ने लापरवाही दिखाई है और उसी का नतीजा है कि तीन स्टूडेंट्स की मौत हुई और उनके परिवारवालों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। आखिर अब इसके लिए किसे कसूरवार माना जाए? आपको क्या लगता है गलती किसकी है, कमेंट कीजिए। मिलते हैं अगले वीडियो में

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