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Farmers protest: फिर से दिल्ली की ओर कूच क्यों कर रहे हैं किसान !

किसानों ने एक बार फिर दिल्ली को घेरना शुरू कर दिया है। पिछली बार किसान आंदोलन ने केंद्र सरकार को बैकफुट पर ला दिया था। इस बार भी किसानों के तेवर तीखे हैं और वे दिल्ली के लिए कूच कर चुके हैं। पंजाब के किसान दिल्ली के आसपास के हाईवे को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। 13 जनवरी को किसान दिल्ली की सीमा पर पहुंचने वाले हैं। आखिर क्यों हो रहा है आंदोलन, किसान इस बार क्यों इतने आक्रोशित हैं, केंद्र का अगला कदम क्या होगा, चुनावों पर इसका क्या असर पड़ेगा, क्या किसानों के सामने एक बार फिर बैकफुट पर जाएगी सरकार? इस वीडियो में आपको हम इन सभी सवालों के जवाब देंगे तो बने रहिए हमारे साथ अंत तक..

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चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं कि आखिर एक बार फिर से किसान आंदोलन क्यों शुरू हुआ है…देखिए, किसानों की सबसे बड़ी मांग कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर है. कुल 12 मांगे हैं। 1- सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी )की गारंटी का कानून सरकार बनाए..किसानों और मजदूरों की संपूर्ण कर्जमाफी योजना लागू की जाए..देश भर में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को फिर से लागू करें, किसानों से लिखित सहमति सुनिश्चित और कलेक्टर दर से चार गुना मुआवजा. ..लखीमपुर खीरी नरसंहार के अपराधियों को सजा और प्रभावित किसानों को न्याय…किसानों और खेतिहर मजदूरों को पेंशन प्रदान करना..दिल्ली आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी..कंपनियों को आदिवासियों की जमीन लूटने से रोककर जल, जंगल और जमीन पर मूलवासियों का अधिकार सुनिश्चित करना.

 

 

हरियाणा सरकार की क्या है तैयारी अब ये भी जान लीजिए- किसान संगठनों के दिल्ली कूच आंदोलन को लेकर हरियाणा पुलिस ने अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था की है। पंजाब सीमा पर तीन लेयर की पुलिस सुरक्षा होगी। सबसे पहले बीएसएफ के जवान होंगे और उनके पीछे आरएएफ और तीसरी लेयर में हरियाणा पुलिस के हथियारबंद जवान तैनात होंगे। पंजाब के साथ लगते बार्डर को सील करने के अलावा लिंक रोड पर भी पुलिस कर्मचारी तैनात किए हैं और 13 फरवरी को चेकिंग और अनुमति के बाद ही वाहनों का हरियाणा में प्रवेश हो सकेगा।

 

 

उधर, दिल्ली में भी किसानों को प्रवेश न करने देने के लिए पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है। हरियाणा और पंजाब से लगने वाले सिंघु बॉर्डर पर कटीले तार लगा दिए हैं. सड़कों पर सीमेंट के बैरिकेड हैं. दिल्ली में गाजीपुर टिकरी और सिंधु बॉर्डर पर भी दिल्ली पुलिस इतिहास के तौर पर तैयारी कर रही है, ताकि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका जा सके..उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भी धारा 144 लागू की गई है. दिल्ली को हरियाणा और यूपी से जोड़ने वाले तीनों ही प्रमुख बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है. 

 

 

अब सवाल ये है कि इस आंदोलन का चुनाव पर क्या असर पड़ेगा? देखिए फिलहाल केंद्र सरकार इस समय काफी मजबूत स्थिति में है। खासकर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा और उससे पहले हुए विधानसभा चुनावों ने लगभग यह संकेत दे दिए हैं कि 2024 में तो केंद्र में मोदी सरकार के लिए राह आसान है। उधर, किसानों के चहेते नेता रहे चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देकर मोदी सरकार ने मौके पर चौका मार दिया है. रही बात इस आंदोलन की तो केंद्र पहले ही किसानों के साथ सामंजस्य बिठाने की तैयारी में जुट गई है। कुल मिलाकर केंद्र इस समय बिल्कुल भी नहीं चाहेगी कि वो किसानों को किसी भी कारण से अपने से दूर होने दे। ऐसे में सरकार अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दी है।

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