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इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम असंवैधानिक – सुप्रीम कोर्ट

देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम् फैसला सुनते हुए राजनितिक पार्टीओ को मुश्किल में डाल दिया है। चुनावी बॉन्ड योजना पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को बहुत बड़ा झटका दिया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले पांच सालों के चंदे का हिसाब-किताब भी मांग लिया है। अब निर्वाचन को बताना होगा कि पिछले पांच साल में किस पार्टी को किसने कितना चंदा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से पूरी जानकारी जुटाकर इसे अपनी वेबसाइट पर साझा करे। शीर्ष अदालत के इस फैसले को उद्योग जगत के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है।

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कोर्ट में अपने फैसले में कहा ‘ इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1) के तहत सूचना का अधिकार कानून का उल्लंघन करता है कोर्ट के इस फैसले के बाद पब्लिक को भी पता होगा कि किसने, किस पार्टी की फंडिंग की है। चार लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर चुनावी बॉन्ड स्कीम की वैधता को चुनौती दी थी। इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा फैसला दिया है जिसका दूरगामी असर हो सकता है, खासकर लोकसभा चुनावों के मद्देनजर। 

 

 

सुप्रीम कोर्ट ने आशंका जताई कि राजनीतिक दलों की फंडिंग करने वालों की पहचान गुप्त रहेगी तो इसमें रिश्वतखोरी का मामला बन सकता है। उन्होंने कहा कि इस स्कीम को सत्ताधारी दल को फंडिंग के बदले में अनुचित लाभ लेने का जरिया बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। 

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