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रिहाई के बाद भी कम नहीं होंगी आनंद मोहन की मुश्किलें, ये दिग्गज पूर्व आईपीएस हाई कोर्ट में दायर करेगा PIL

पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन जेल से बाहर जरूर आ गए हैं लेकिन उनकी मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। पूर्व आईपीएस अमिताभ दास पटना हाईकोर्ट में रिहाई के खिलाफ पीआईएल दर्ज करने जा रहे हैं। इस मामले में उन्होंने नीतीश सरकार सहित सभी राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ नाराजगी भी जताई है।

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बता दें कि बिहार सरकार ने कारा हस्तक 2012 के नियम 481 आई में संशोधन किया है। इस कारण से जेल में 14 साल की सजा काट चुके आनंद मोहन की तय नियमों की वजह से रिहाई संभव नहीं थी। यही वजह है कि नए नियम में ड्यूटी करते सरकारी सेवक की हत्या अब अपवाद की श्रेणी से हटा दिया गया है। बीते 10 अप्रैल को ही बदलाव की अधिसूचना सरकार ने जारी कर दी थी. इसके बाद से आनंद मोहन की रिहाई आसान हो गई।

 

आनंद मोहन गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैय्या हत्याकांड में सजा काट रहे थे। तेलंगाना में जन्मे आईएएस अधिकारी कृष्णैया अनुसुचित जाति से थे। वह बिहार में गोपालगंज के जिलाधिकारी थे. साल 1994 में ड्यूटी पर रहने के दौरान वह मुजफ्फरपुर जिले से गुजर रहे थे. उसी दौरान भीड़ ने पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी थी और फिर गोली भी मारी गई थी।

 

इस हत्या के बाद आरोाप लगा कि बाहुबली आनंद मोहन ने ही भीड़ को उकसाया था। पुलिस ने आनंद मोहन और उनकी पत्नी लवली समेत 6 लोगों को इस मामले में नामजद किया था. आनंद मोहन को साल 2007 में फांसी की सजा सुनाई गई और पटना हाईकोर्ट ने इस सजा को उम्रकैद में बदला था। अब इस पर सियासत शुरू हो गई है। बिहार के पूर्व मुख्यमंंत्री जीतन राम मांझी ने जहां इस रिहाई का समर्थन किया है, वहीं चिराग पासवान ने इसे दलित विरोधी करार दिया है। वहीं कृष्णैया की पत्नी ने आनंद मोहन की रिहाई पर दुख जताते हुए हाई कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की है।

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