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जालसाजों ने 17 भारतीयों को इटली बता कर लीबिया पहुंचाया, नौकरी का दिया था झांसा !

Forgery News: लीबिया में बंधक बनाये गए 17 भारतीयों को भारत वापस ले आया गया है। काम की तलाश और बेहतर जीवन के लिए अकसर लोग दूसरे देश जाने की चाहत रखते हैं। जिसमें कई बार लोग धोखे का शिकार हो जाते हैं। ट्रेवेल एजेंट ऐसे लोगों से विदेशों के सपने दिखा कर लाखों रुपये ऐंठते हैं। ऐसे ही इटली में अच्छी नौकरी का झांसा देकर ट्रेवेल एजेंट ने 17 लोग को फसाया। ट्रेवेल एजेंट ने इन 17 लोगों को इटली के बजाय लीबिया ले जाकर छोड़ दिया। आपको बता दें लीबिया इस समय गृहयुद्ध जैसे माहौल से गुजर रहा है। ऐसे में इन्होने वहां पर काफी परेशानियां झेली। फिलहाल इन 17 भारतीयों को सकुशल भारत वापस ले आया गया है।

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ज्यादातर पंजाब और हरियाणा के थे।

इनके भारत लौटने की जानकारी ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास ने X (पूर्व में ट्वीटर) पर पोस्ट कर बताया है। इनमें से ज्यादातर पंजाब और हरियाणा के थे। जिन्हे इस साल फरवरी में लीबिया में बंधक बना लिया गया था। फिलहाल सभी 20 फरवरी को सुरक्षित भारत वापस लौट आये हैं। भारतीय दूतावास ने बताया कि इन भारतीयों को इटली में अच्छी नौकरी का लालच देकर लीबिया में छोड़ दिया गया था। जिसके लिए इनसे लाखों रुपयों की ठगी भी की। लीबिया में इन भारतीयों को माफियाओं ने बंधक बना लिया था।

इटली ले जाने के नाम पर युवाओं से 13-13 लाख रुपये ठगे गए।

ट्रेवल एजेंट ने इन युवाओं को अच्छी नौकरी का लालच देकर बहकाया। इनसे इटली ले जाने के नाम पर पैसे लूटे और लीबिया ले जाकर छोड़ दिया। AAP सांसद विक्रमजीत सिंह ने बताया कि इन युवाओं से 13-13 लाख रुपये इटली ले जाने के नाम पर ठगे गए। इससे वादा किया गया कि इटली में इनकी अच्छी नौकरी लगवाई जायेगी। इन्हे पहले दुबई ले गए, फिर इजिप्ट ले गए। फिर लीबिया में ले जाकर छोड़ दिया। AAP सांसद ने कहा कि कुछ लोगों ने उनकी टीम से संपर्क किया और सारी बात बतायी। फिर उन्होंने ही इन भारतीयों के रहने के लिए वहां होटल का इंतजाम किया। सांसद ने बताया कि होटल में किसी ने वहां की कमिश्नर को सूचना दी। इसके बाद इन लोगों को जेल ले जाया गया।

ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास से किया गया संपर्क।

आपको बता दें कि लीबिया में भारतीय दूतावास काफी समय से बंद है। ऐसे में ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास से संपर्क किया गया। इस मामले की जानकारी ट्यूनीशिया में दूतावास को 26 मई को दी गई। जिसके बाद इन भारतीयों को छुड़ाया गया। छुड़ाए गए लोगों ने बताया कि उन्हें लीबिया के ज्वारा शहर में माफियाओं ने बंधक बनाया हुआ था। इन लोगों को ट्रेफिकिंग के जरिये यहां लाया गया था। जिन्हे लीबिया के अधिकारियों ने 13 जून को छुड़ा लिया। फिर वहां से ले जाकर इन लोगों को त्रिपोली की जेल में बंद कर दिया गया। अधिकारियों ने इन लोगों पर गैर कानूनी तरीके से लीबिया में घुसने का आरोप लगाया।

इन 17 भारतीयों में से 12 लोग पंजाब और हरियाणा के रहने वाले थे। पहले लीबिया के अधिकारी इनको छोड़ने को तैयार नहीं थे। लेकिन भारतीय दूतावास और भारतीय विदेश मंत्रालय के दखल के बाद इन्हे छुड़ाया गया। क्योंकि इनके पासपोर्ट छीन लिए गए थे। इसलिए, इन्हे भारत वापस लाने के लिए इमर्जेंसी सर्टिफिकेट जारी किया गया था।

 

 

 

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