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भारत के सबसे कम उम्र के CEO, स्कूल में पढ़ते-पढ़ते बन गए कंपनी के मालिक

Youngest CEO’s Of India: आज के युवा स्कूल और कॉलेज के बाद नौकरी करने के बिजय अपने स्टार्टअप पर ध्यान दें रहे हैं, जिससे वह नौकरी करने वालों की लाइन से हटकर नौकरी देने वालों के समूह में शामिल हो जाए। ऐसे ही दो युवाओं ने स्कूल में पढ़ते समय ही कंपनी खड़ी कर दी थी और बन गए भारत के सबसे कम उम्र में CEO.

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चेन्नई के रहने वाले श्रवण और संजय कुमार, जब 8 और 10 वर्ष के थे, तो दोनों भाई छठी और आठवीं कक्षा में पढ़ा करते थे। इस दौरान दोनों भाइयों ने अपना स्टार्टअप करने की योजना बनाई। दोनों ने मिलकर एक एप डिवेलप किया और इसके फॉउंडर बन गए, जिसके बाद ये दोनों सुर्खियों में आ गए थे। दोनों भाइयों ने स्कूल में पढ़ते हुए साल 2011 में गो डाइमेंशन नाम से एप बनाया और इसमें संजय CEO और श्रवण ने अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला। उनके द्वारा बनाया गया यह एप लोगों ने पसंद किया और उन्हें प्रसिद्धी के मुकाम तक पहुंचाया।

 

 

अपने पहले एप के बाद भाइयों ने प्रोग्रामिंग के माध्यम से कुछ ही वर्षों में सात से अधिक एप बना दिए, जिन्हें 50 से अधिक देशों में हजारों लोगों ने डाउनलोड किया। ऐसे में दोनों भाइयों का टैलेंट धीरे-धीरे विदेश तक पहुंचना शुरू हुआ।

 

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दोनों भाइयों के एप डिवेलपर बनने के पीछे उनके पिता का हाथ है। दरअसल, उनके पिता कुमार सुरेंद्रन ने ही अपने बेटों को प्रोग्रामिंग को लेकर शिक्षा देना शुरू किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों भाई शुरुआत से कंप्यूटर से बहुत सहज थे और कंप्यूटर चला लेते थे। यहां तक की चार साल की उम्र में पीपीटी भी बना लिया करते थे। ऐसे में बेटेों के इस हुनर को देखते हुए उन्होंने कम उम्र में ही बेटों को प्रोग्रामिंग सिखाने का फैसला कर लिया था।

 

दोनों भाइयों ने मिलकर अलग-अलग एप बनाए, जिसमें एक कैच मी कॉप भी शामिल था। यह एप भारतीय खेल चोर-पुलिस के आधार पर तैयार किया गया था, जिसे लोगों ने पसंद किया।इसके अलावा दोनों भाइयों ने मिलकर अल्फाबेट बोर्ड, इमरजेंसी बूथ, कलर पैलेट, कार रेसिंग और सुपरहीरो जैसे कई एप बनाए। इसके प्रति लोगों का रिस्पांस भी अच्छा रहा। यही नहीं, दोनों भाइयों ने करीब 150 टेस्ट एप भी विकसित किए हैं।

 

आपको बता दें कि दोनों भाइयों ने अमेरिका में टेक्सास ए एंड एम विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में अपनी ग्रेजुएशन पूरी की है। इसके बाद संजय माइक्रोसॉफ्ट में सॉफ्टवेयर इंजीनियर इंटर्न और श्रवण सैन फ्रांसिस्कों में सॉफ्टवेयर डिवेलपर हैं।

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