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यूपी की इस सीट की सबसे अधिक चर्चा, बीजेपी और उसके सहयोगी दल सभी इसके लिए अड़े, किसे मिलेगा मौका

लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने यूं तो 195 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं लेकिन यूपी में एक सीट ऐसी है जहां मामला सबसे ज्यादा पेंचीदा हो गया है। वैसे तो पार्टी ने यूपी में 51 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं लेकिन ये ऐसी सीट है जिस पर बीजेपी के साथ गठबंधन में शामिल दो पार्टियों के साथ-साथ खुद बीजेपी के भी बड़े नेताओं की नजर इस पर है। ये ऐसी सीट है जिसकी चर्चा अब पूरे यूपी में हो रही है। आखिर इस सीट पर इतनी मारामारी क्यों है और क्योंं सबकी नजर इस सीट पर चलिए विस्तार से बताते हैं।

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देखिए लोकसभा चुानाव के लिए उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री और भाजपा के 10 मंत्रियों समेत 44 मौजूदा सांसदों को फिर मैदान में उतारा गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह की सीट गाजियाबाद और अपना दल एस की अनुप्रिया पटेल की मिर्जापुर सीट पर फिलहाल निर्णय नहीं हुआ है। लेकिन इस बीच यूपी में बीजेपी को गठबंधन सहयोगियों के लिए भी सीटें तय करनी है। भाजपा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर अब चर्चा तेज है।

सूची जारी होने के तुरंत बाद ही सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं। वहीं, निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद पहले ही अपनी सीटों को लेकर मुखर हैं। दोनों दल यूपी में कम से कम दो-दो सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन भाजपा की ओर से फिलहाल दोनों दलों को एक-एक सीट ऑफर की गई है।

बीजेपी की जो पहली लिस्ट आई है उसमें सलेमपुर, कुशीनगर, चंदौली, लालगंज, डुमरियागंज, जौनपुर समेत कई ऐसी सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया गया. ये वो सीटें हैं जिन पर सुभासपा और निषाद पार्टी ने पहले से ही दावेदारी कर रखी थी।

ऐसे में अब राजभर और निषाद चाहते हैं कि उनकी दावेदारी वाली सीटों में जो बची हैं, उनमें से ही सीटें मिल जाएं। इनमें गाजीपुर, सुल्तानपुर, बलिया जैसी सीटें हैं लेकिन इन सबमें अब सबसे अधिक चर्चा में जो सीट है वो है गाजीपुर। इस सीट से अब बीजेपी के दिग्गज नेता और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी नजर गड़ाए हुए हैं।  गाजीपुर सीट से सिन्हा अपने बेटे अनुभव सिन्हा को मैदान में उतारना चाहते हैं। लेकिन इस सीट पर सुभासपा और निषाद पार्टी की दावेदारी है। इस पर सुभासपा की दावेदारी को अधिक मजबूत माना जा रहा है। लेकिन मनोज सिन्हा का कद भी पार्टी में बड़ा है और ऐसे में पार्टी के लिए अब इस सीट पर उन्हें नजरअंदाज करना भी आसान नहीं होगा और इसीलिए इस सीट का मामला फंस गया है।

माना जा रहा है कि पार्टी राजभर को एक सीट बिहार में देकर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश करेगी। वहीं निषाद पार्टी को भदोही का सीट दे दिया जाएगा। लेकिन फिलहाल पेच गाजीपुर पर ही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी की अगली सूची में गाजीपुर से किसका नाम सामने आता है।

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