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गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत ट्रेन, रेलवे के लिए साबित हुआ घाटे का सौदा !

गोरखपुर-लखनऊ के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन फिलहाल रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। ये वही वंदे भारत एक्सप्रेस एक भारतीय अर्ध-हाई स्पीड ट्रेन है। यह भारत में डिजाइन और निर्मित होने वाली पहली ट्रेन भी है। लेकिन गोरखपुर-लखनऊ के रूट पर चलने वाली ये ट्रेन फिलहाल रेलवे के लिए कुछ खास मुनाफा नहीं कमा पायी। बल्कि घाटे का सौदा ही साबित हुई है। ज्यादा किराया होने की वजह से हाईटेक सुविधाएं होने के बाद भी ट्रेन यात्री नहीं जुटा पा रही। जानकारी अनुसार AC चेयर कार में औसतन 300 सीटें खाली ही रह जा रही हैं। वहीं एग्जीक्यूटिव क्लास में भी 30 के आसपास सीटें खाली जा रहीं हैं।

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खाली सीटों के चलते रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इससे रेलवे को रोजाना औसतन सवा तीन लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। और अगर इसे जोड़ा जाए तो रेलवे को अभी तक 39 दिनों में करीब 1.26 करोड़ का घाटा हो चुका है। हालांकि रेलवे ने इस नुकसान की भरपाई के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। रेलवे प्रशासन अब इस ट्रेन को प्रयागराज तक चलाने की तैयारी में है। साथ ही गोरखपुर से प्रयागराज के बीच स्टॉपेज बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। जिससे यात्रियों की संख्या को बढ़ाया जा सके।

बताया जा रहा है कि देश भर में छोटी दूरी तय करने अन्य वंदे भारत एक्सप्रेस का भी कुछ यही हाल है। वो भी यात्रियों की कम संख्या से जूझ रहीं हैं। ऐसे में रेलवे बोर्ड की ओर से अब इन ट्रेनों के किराये का भी रिव्यू लिया जा रहा है। संभावना यह भी जताई जा रही है कि वंदे भारत ट्रेन का किराया 20 से 30 प्रतिशत तक घटाया जा सकता है।

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