Hindi English Marathi Gujarati Punjabi Urdu
Hindi English Marathi Gujarati Punjabi Urdu

सरकार ने विकीपीडिया को जारी किया नोटिस, जानें क्या है मामला

भारत सरकार ने विकीपीडिया को नोटिस जारी किया है। सरकार ने एक चिट्ठी लिखकर विकीपीडिया को उससे पेज पर दी जाने वाली जानकारी में पक्षपात और गलत तथ्यों को लेकर कई सारे तीखे सवाल पूछे हैं। सरकार ने पूछा है कि सूचना देने वाले एक माध्यम की जगह विकीपीडिया को प्रकाशक क्यों नहीं माना जाए।

- Advertisement -

 

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से यह नोटिस सितंबर में दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले के बाद आया, जिसमें विकीपीडिया के खुले संपादन फीचर को खुद ही खतरनाक करार दिया गया था। जज भी इस फीचर पर चौंक गए थे और कहा था कि इस तरह बेरोकटोक संपादन, खासकर कुछ लोगों और संस्थानों की संवेदनशील जानकारी के मामले में जोखिम भरा है।

 

उस समय विकीपीडिया के कानूनी प्रतिनिधि ने कहा था कि यूजर्स को कुछ भी संपादित या अपडेट करते वक्त वेबसाइट के कानूनी दिशा-निर्देशों का ध्यान रखना होगा। लेकिन बाद में उसकी तरफ से इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। संपादित करने का अधिकार किसी को भी देना तो ठीक है लेकिन अगर संपादन में कुछ उल्टा सीधा कोई जोड़ दे तो फिर उसकी जवाबदेही किसकी होगी, यह तय करना भी जरूरी है। इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत थी जो नहीं किया गया।

 

 

इस रिपोर्ट के बाद जारी हुआ नोटिस

हाल ही में एक निजी संस्थान ने अपने रिसर्च में बताया है कि विकीपीडिया को पूरी दुनिया में ‘सिर्फ कुछ लोगों का एक छोटा समूह’ ही नियंत्रित करता है। इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि सिर्फ कुछ ही लोगों के पास विकीपीडिया की क्या सामग्री रहेगी और क्या नहीं, इस पर नियंत्रण है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि अगर किसी देश की संप्रभुता या उस देश के बारे में कोई गलत जानकारी इस तरह की वेबसाइट पर जाती है तो फिर उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? इसे देखते हुए इस नोटिस को काफी अहम माना जा रहा है।

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

The specified carousel is trashed.

इसे भी पढे ----

वोट जरूर करें

क्या आपको लगता है कि बॉलीवुड ड्रग्स केस में और भी कई बड़े सितारों के नाम सामने आएंगे?

View Results

Loading ... Loading ...

आज का राशिफल देखें