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विपक्ष पर सरकार की नजर: शशि थरूर समेत 11 लोगों को Apple ने दी चेतावनी।

विपक्ष के कई बड़े नेताओं को एप्पल की तरफ से चेतावनी दी गयी है। इंडिया अलायंस के चार बड़े विपक्षी नेताओं ने साइबर अटैक की चेतावनी मिलने का दावा किया है। दावे के अनुसार उन्हें एप्पल की तरफ से राज्य प्रायोजित साइबर अटैक की चेतावनी मिली है। दावे में कहा गया कि उनके iPhone किसी भी समय हैक किये जा सकते हैं। इसके लिए एप्पल की तरफ से चेतावनी दी गई है।

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हमले ‘राज्य प्रायोजित’ होने की मिली चेतावनी। 

इस मामले में शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ”जिस तरह से मुझे कल रात चेतावनी मिली, उससे पता चलता है कि यह केंद्र सरकार का पूरा प्लान है। मुझे सावधानी बरतने की जरूरत है। चेतावनी में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ये हमले ‘राज्य प्रायोजित’ हैं’…केवल विपक्ष के नेताओं को ही ऐसे संदेश क्यों मिल रहे हैं? इससे पता चलता है कि बड़े पैमाने पर विपक्ष की निगरानी की चल रही है। इसकी जांच होनी चाहिए और केंद्र को इस पर स्पष्टीकरण देने की जरूरत है।”

इसके अलावा टीएमसी की महुआ मोइत्रा और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी चेतावनी मिलने का दावा किया है। इसके अलावा कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी इस प्रकार के दावे किये हैं। आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा है कि उन्हें एपल की ओर से “राज्य प्रायोजित अटैकर्स द्वारा उनके फोन पर हमला अटैक करने की कोशिश करने के बारे में चेतावनी मिली है। साइबर हैक की दायर की गयी रिपोर्ट के अनुसार इसमें 11 विपक्षी नेताओं के अलावा संपादकों को भी फ़ोन हैक होने की चेतावनी मिली है। इस लिस्ट में जो नाम शामिल हैं वो इस प्रकार हैं..

  • महुआ मोइत्रा (तृणमूल कांग्रेस सांसद)
  • प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना यूबीटी सांसद)
  • राघव चड्ढा (आप सांसद)
  • शशि थरूर (कांग्रेस सांसद)
  • असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम सांसद)
  • सीताराम येचुरी (सीपीआई (एम) महासचिव और पूर्व सांसद)
  • पवन खेड़ा (कांग्रेस प्रवक्ता)
  • अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी अध्यक्ष)
  • सिद्धार्थ वरदराजन (संस्थापक संपादक, द वायर)
  • श्रीराम कर्री (निवासी संपादक, डेक्कन क्रॉनिकल)
  • समीर सरन (अध्यक्ष, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन)

 

पहले भी केंद्र सरकार पर विपक्ष की जासूसी का लगा आरोप 

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी केंद्र सरकार पर विपक्ष की जासूसी का आरोप लगा है। इसके पहले 2019 में फोन हैकिंग को लेकर एक रिपोर्ट सामने आयी थी। जिसके बाद काफी बवाल हुआ था। इस रिपोर्ट का दावा था कि भारत समेत दुनियाभर के 100 से अधिक पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी हो रही है। साथ ही भारत के कई बड़े विपक्षी नेताओं की जासूसी होने की भी बात सामने आयी। इसके लिए दुनिया के सबसे ताकतवर हैकिंग सॉफ्टवेयर पिगासस (Pegasus) का इस्तेमाल किया गया था। जिसे इस्राइल की एक कंपनी ने तैयार किया है। इसके बाद 2021 में भी एक रिपोर्ट आई थी। जिसमें दावा किया गया था कि दुनियाभर के करीब 2,500 लोगों के फोन टैप किए गए हैं। इसके लिए भी Pegasus सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है।

अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी अपनी रिपोर्ट में भारत सरकार पर पेगासस खरीदने का दावा किया था। पेगासस इजरायल का एक जासूसी सॉफ्टवेयर है। रिपोर्ट में कहा गया था कि मोदी सरकार ने पांच साल पहले दो अरब डॉलर (करीब 15 हजार करोड़ रुपये) का जो रक्षा सौदा इस्राइल से किया था, उसमें पेगासस स्पाईवेयर की खरीद भी शामिल थी। इस रक्षा डील में भारत ने इजरायल से कुछ हथियारों के साथ एक मिसाइल सिस्टम भी खरीदा था।

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